चीन सरकार के साल के लिए महत्वाकांक्षी टारगेट तय करने के छह महीने बाद ग्रोथ खासी कम हो गई है। ऐसे में, अब कई बड़े बैंकों को 3 फीसदी ग्रोथ हासिल होने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है।
चीन सरकार के साल के लिए महत्वाकांक्षी टारगेट तय करने के छह महीने बाद ग्रोथ खासी कम हो गई है। ऐसे में, अब कई बड़े बैंकों को 3 फीसदी ग्रोथ हासिल होने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है।
ग्रोथ अनुमान में मार्च के बाद खासी कमी आई है, जब पहली बार 5.5 फीसदी के आधिकारिक लक्ष्य का ऐलान किया गया था। ब्लूमबर्ग के सर्वे में इस साल चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ 3.5 फीसदी रहने पर सहमति बनी है, जो पिछले चार दशक से ज्यादा समय में दूसरी सबसे कमजोर सालाना ग्रोथ होगी। हालांकि मॉर्गन स्टैनली और बारक्लेज पीएलसी उन बैंकों में शामिल हैं, जिन्होंने साल के अंत में रिस्क बढ़ने के कारण ज्यादा सुस्त ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है।
इन वजहों से लगा झटका
चीन की इकोनॉमी को सिर्फ उसकी सख्त कोविड जीरो पॉलिसी (Covid Zero policy) के चलते जारी लॉकडाउन और व्यापक टेस्टिंग से ही झटका नहीं लगा है। इसके सात ही हाउसिंग मार्केट में गिरावट, सूखा और घरेलू और विदेश दोनों तरफ से कमजोर डिमांड के चलते ग्रोथ पटरी से उतर गई है।
बार्कलेज ने कितना घटाया ग्रोथ अनुमान
बार्कलेज की चीफ चाइना इकोनॉमिस्ट जियान चांग ने पिछले हफ्ते अपने पूरे साल के ग्रोथ फोरकास्ट को 3.1 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया। साथ ही इसके लिए “गहरी और लंबी अवधि तक प्रॉपर्टी में सुस्ती, सख्त कोविड लॉकडाउन और सुस्त बाहरी डिमांड” को हवाला दिया था। उन्होंने लिखा, डेवलपर्स के सामने कैश की तंगी 2023 में भी जारी रहेगी और रियल एस्टेट मार्केट का भरोसा कमजोर होगा।
शुरुआती इंडिकेटर्स दे रहे ये संकेत
शुक्रवार को पब्लिश होने वाले अगस्त के आधिकारिक डाटा में संभवतः इंडस्ट्रियल आउटपुट, रिटेल सेल्स और इनवेस्टमेंट में कुछ सुधार देखने को मिलेगा। सितंबर के आंकड़े खास बेहतर नजर नहीं आते हैं, क्योंकि शुरुआती इंडिकेटर्स हाउसिंग मार्केट में गिरावट और ट्रैवल की बंदिशों के चलते कंज्यूमर स्पेंडिंग में कमी की ओर इशारा करते हैं।
स्टेट मीडिया का पॉजिटिव है रुख
उधर, स्टेट मीडिया का रुख इकोनॉमी के आउटलुक पर पॉजिटिव बना हुआ है। चाइना सिक्योरिटीज जरनल ने गुरुवार को लिखा, पिछले तीन महीने की तुलना में मौजूदा तिमाही में अच्छी ग्रोथ का अनुमानन है। रिपोर्ट में शुरुआती इंडिकेटर्स और इकोनॉमिस्ट्स का हवाला दिया गया, जिन्होंने कमोडिटीज की डिमांड में सुधार की ओर इशारा किया था।
हालांकि, इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (International Energy Agency) ने अनुमान जाहिर किया है कि इस साल चीन में तेल की डिमांड 2.7 फीसदी कम होगी, जो 1990 के बाद पहली गिरावट होगी।
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