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चीन की इकोनॉमी मुश्किल में, जेफरीज ने कहा- ग्रोथ बढ़ाना सरकार के लिए चुनौती

इंटरेस्ट रेट में कमी के बाद सरकार के बॉन्ड्स की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। 10 साल की मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड में गिरावट आई है। यह जान लेना जरूरी है कि बॉन्ड की कीमत और उसकी यील्ड में विपरीत संबंध होता है। विदेशी निवेशक लगातार सरकारी बॉन्ड्स बेच रहे हैं। इसके चलते जनवरी 2022 के लेवल से बॉन्ड्स में उनका निवेश 22 फीसदी कम हो चुका है। इससे पता चलता है कि बॉन्ड की कीमतों में तेजी के बावजूद विदेशी निवेशकों का भरोसा चीन के मार्केट पर नहीं बन पा रहा है

अपडेटेड Jun 19, 2023 पर 5:10 PM
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चीन में केंद्रीय बैंक के इंटरेस्ट रेट घटाने के बावजूद चीन से जुड़े मार्केट्स में ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिला है। रेट में कमी के ऐलान के बाद से CSI 300 Index और Hang Seng Index में मामूली तेजी देखने को मिली है।

चीन की इकोनॉमी (Economy of China) से जुड़े क्रेडिट के आंकड़े ग्रोथ को लेकर चिंता पैदा करने वाले हैं। ऐसा लगता है कि ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने में चीन सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। Pain and its limits नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट से जुड़े आंकड़े बैंक लोन की ग्रोथ और प्राइवेट सेक्टर की क्रेडिट ग्रोथ में सुस्ती का संकेत दे रहे हैं। चीन में M2 मनी सप्लाई की ग्रोथ घटकर 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने अगस्त 2022 के बाद पहली बार इंटरेस्ट रेस्ट घटाया है। उसने सात-दिन के रिवर्स रेपो रेट और एक साल के मीडियम-टर्म लेंडिंग फैसिलिटी (MLF) में कमी की है।

घरों की बिक्री में गिरावट

रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री में गिरावट आई है। इसका असर इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ा है। इस वजह से PBOC को इंटरेस्ट रेट घटाने का फैसला लेना पड़ा है। जेफरीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में इनफ्लेशन का दबाव नहीं होने से केंद्रीय बैंक के पास इंटरेस्ट रेट में नरमी लाने की गुंजाइश बनी हुई है। मई में चीन में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) साल दर साल आधार पर सिर्फ 0.2 फीसदी बढ़ा। प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) में साल दर साला आधार पर 4.6 फीसदी गिरावट आई है।


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बॉन्ड की कीमतों में उछाल

इंटरेस्ट रेट में कमी के बाद सरकार के बॉन्ड्स की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। 10 साल की मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड में गिरावट आई है। यह जान लेना जरूरी है कि बॉन्ड की कीमत और उसकी यील्ड में विपरीत संबंध होता है। विदेशी निवेशक लगातार सरकारी बॉन्ड्स बेच रहे हैं। इसके चलते जनवरी 2022 के लेवल से बॉन्ड्स में उनका निवेश 22 फीसदी कम हो चुका है। इससे पता चलता है कि बॉन्ड की कीमतों में तेजी के बावजूद विदेशी निवेशकों का भरोसा चीन के मार्केट पर नहीं बन पा रहा है।

क्रेडिट की कमजोर डिमांड को लेकर चिंता

जेफरीज ने कहा है, "क्रेडिट की डिमांड के अलावा इसकी सप्लाई को लेकर चिंता बनी हुई है। बैंक अभी बहुत कम सिर्फ 1.74 फीसदी नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर ऑपरेट कर रहे हैं। इसके चलते बैंकों ने डिपॉजिट रेट्स घटाने के फैसले लिए हैं।" इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में इंटरेस्ट रेट में कमी से ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा और लोकल गवर्नमेंट की वित्तीय स्थिति पर दबाव घटेगा। चीन में लोकल गवर्नमेंट का जमीन से बिक्री से होने वाला राजस्व साल दर साल आधार पर 21.7 फीसदी घटा है। इसका असर अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने की उनकी क्षमता पर पड़ा है।

रेट कट का मार्केट पर ज्यादा असर नहीं

चीन में केंद्रीय बैंक के इंटरेस्ट रेट घटाने के बावजूद चीन से जुड़े मार्केट्स में ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिला है। रेट में कमी के ऐलान के बाद से CSI 300 Index और Hang Seng Index में मामूली तेजी देखने को मिली है। मंगलवार को रेट में कमी के ऐलान के बाद से दोनों सूचकांक क्रमश: 2.1 फीसदी और 2.2 फीसदी चढ़े हैं।

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