China Population: चीन की जनसंख्या में साल 1961 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस बात की घोषणा चीन ने की है। बीजिंग के के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स (National Bureau of Statistics) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में चीन की आबादी 1.4126 अरब थी। वहीं साल 2022 के आखिरी में घटकर 1.41175 अरब हो गई है। यानी एक साल में 8.50 लाख लोगों की आबादी कम हो गई है। बता दें कि नेशन ब्यूरो में हॉन्ग कॉन्ग, मकाऊ और विदेशी निवासियों को छोड़कर चीन के मूल निवासियों की गिनती की जाती है। चीन में मरने वालों का आंकड़ा, पैदा होने वाले बच्चों से ज्यादा है।
चीन में कई दशकों तक जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू रही। ऐसे में माना जा रहा है कि इन उपायों के चलते ही देश की जनसंख्या में गिरावट आ रही है। चीन में अब नेगेटिव जनसंख्या ग्रोथ शुरू हो गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में करीब 95.6 लाख बच्चों का जन्म हुआ। ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि महिलाओं की तुलुना में पुरुषों की संख्या ज्यादा रही है। इसकी वजह 2016 में आधिकारिक रूप से खत्म की गई एक बच्चे की पॉलिसी रही है। इसके अलावा परिवार का नाम आगे बढ़ाने के लिए लड़के होने की मानसिकता का भी योगदान इसमें रहा है। 2016 में एक बच्चे की पॉलिसी को खत्म करने के बाद चीन ने परिवारों को दूसरे और यहां तक की तीसरे बच्चे के जन्म के लिए भी प्रोत्सहित करना शुरू कर दिया। हालांकि इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिली है। चीन के शहरों में बच्चे पालने का बढ़ता खर्च, चीन के लोगों को कम बच्चे पैदा करने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
साल 2021 में चीन में जन्मदर 7.52 बच्चे प्रति एक हजार लोग थी। लेकिन पिछले साल यह घटकर 6.77 बच्चे प्रति एक हजार हो गई। इससे चीन की जनसंख्या में 10 लाख से ज्यादा बच्चे कम पैदा हुए। इतना ही नहीं चीन में मृत्युदर भी साल 1976 के बाद सबसे ज्यादा है। चीन में 2022 में मृत्युदर 7.37 मौते प्रति एक हजार लोग रही। बुजुर्ग होती जनसंख्या के चलते चीन के सरकारी खजाने पर भी बोझ बढ़ रहा है और चीन की सरकार को बुजुर्गों की देखभाल और पेंशन आदि पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
भारत निकल जाएगा चीन से आगे
दरअसल, पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि भारत अप्रैल के मध्य में चीन से आबादी के मामलों में आगे निकल जाएगा। साथ ही दुनिया का सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। चीन और भारत की मौजूदा आबादी क़रीब 1.4 अरब से ज़्यादा है।