PM Modi Podcast: पीएम मोदी के बयान से चीन गदगद, लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट पर ड्रैगन की आई प्रतिक्रिया
PM Modi Podcast with Lex Fridman: चीन के साथ पूर्व में तनाव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवाद के बजाय बातचीत का समर्थन किया था। AI रिसर्चर और प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक इंटरव्यू में यही भी कहा था कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वभाविक हैं लेकिन मजबूत सहयोग दोनों पड़ोसियों के हित में है। यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। इस बयान पर अब चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है
PM Modi Podcast with Lex Fridman: पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है (फाइल फोटो- REUTERS)
PM Modi Podcast with Lex Fridman: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अब चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के लोकप्रिय पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने सोमवार (27 मार्च) को AI रिसर्चर के पॉडकास्ट में भारत-चीन संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों की जमकर तारीफ की। साथ ही कहा कि चीन और भारत के बीच सहयोग ही दोनों देशों के लिए एकमात्र विकल्प है। ड्रैगन ने कहा कि चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया टिप्पणी सराहनीय है। पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने मतभेदों के बजाय संवाद पर जोर दिया था।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन ने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी के हालिया सकारात्मक टिप्पणी पर ध्यान दिया है और इसकी सराहना करता है। माओ ने कहा कि अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
माओ ने कहा कि दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण आम सहमतियों पर गंभीरतापूर्वक अमल किया है, आदान-प्रदान को मजबूत किया है और सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि 2000 से अधिक वर्षों के आपसी संबंधों के इतिहास में दोनों देशों ने मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान बनाए रखा है। और दोनों देशों ने सभ्यतागत उपलब्धियों और मानव प्रगति में योगदान देते हुए एक-दूसरे से सीखा है।"
उन्होंने कहा कि दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत ने अपने विकास और पुनरोद्धार में तेजी लाने के कार्य को साझा किया है। हम एक-दूसरे की सफलताओं को समझते हैं और उनका समर्थन करते हैं।
प्रवक्ता ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान को दोहराते हुए कहा कि दोनों देशों को ऐसा साझेदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें और हाथी (भारत) और ड्रैगन (चीन) का तालमेल बिठाकर साथ चलना ही दोनों देशों के संबंधों के लिए एकमात्र सही विकल्प है।
उन्होंने कहा कि चीन दोनों नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को एक अवसर के रूप में लेगा और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और सुदृढ़ विकास के पथ पर आगे बढ़ाएगा।
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़पों से पहले वाली स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। वर्ष 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव ने संघर्ष का रूप ले लिया था। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के जवानों की मौत हुई थी।
पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा, "हालांकि, राष्ट्रपति शी के साथ हाल में हुई बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम अब 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आनी चाहिए। लेकिन स्वाभाविक रूप से, इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि पांच साल हो गए हैं।" PM मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है।
पीएम मोदी ने कहा, "चूंकि 21वीं सदी एशिया की सदी है, हम चाहते हैं कि भारत और चीन स्वस्थ और स्वाभाविक तरीके से प्रतिस्पर्धा करें। प्रतिस्पर्धा बुरी चीज नहीं है, लेकिन इसे कभी संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए।" PM मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध नए नहीं हैं क्योंकि दोनों देशों की संस्कृति और सभ्यताएं प्राचीन हैं।
तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम सदियों पीछे मुड़कर देखें तो भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा, "यह हमेशा एक-दूसरे से सीखने और एक-दूसरे को समझने के बारे में रहा है। एक समय चीन में बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव था और उस दर्शन का उद्भव भारत में हुआ।"
उन्होंने कहा, "भविष्य में भी हमारे संबंध उतने ही मजबूत रहने चाहिए और आगे बढ़ते रहने चाहिए। मतभेद स्वाभाविक हैं। जब दो पड़ोसी देश होते हैं, तो कभी-कभी असहमति होती है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार में भी सब कुछ सही नहीं होता लेकिन हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि मतभेद, विवाद में तब्दील नहीं हों।
In response to a media inquiry regarding Indian Prime Minister Narendra Modi’s recent remarks in a podcast interview, in which he emphasized dialogue over discord, Chinese Foreign Ministry spokesperson Mao Ning said on Monday that Prime Minister Modi’s recent positive remarks on… pic.twitter.com/Urj4EMgGO1
PM ने कहा, "इसलिए हम सक्रिय रूप से बातचीत की दिशा में काम कर रहे हैं। विवाद के बजाय, हम बातचीत पर जोर देते हैं, क्योंकि केवल बातचीत के माध्यम से हम एक स्थायी सहकारी संबंध का निर्माण कर सकते हैं जो दोनों देशों के सर्वोत्तम हितों को पूरा करता है।"