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ट्रंप को हो गया अपनी भूल का एहसास! अब सेना के विमानों से अवैध प्रवासियों को नहीं किया जा रहा डिपोर्ट, पड़ रहा है काफी महंगा

जनवरी में ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही अमेरिका ने कुछ प्रवासियों को उनके अपने देशों या ग्वांतानामो बे में सैन्य अड्डे तक पहुंचाने के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। हालांकि, यह कदम महंगा ट्रंप प्रशासन के लिए महंगा पड़ रहा है। ट्रंप प्रशासन ने कथित तौर पर डिपोर्टेशन के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल इसलिए किया, क्योंकि वह दुनिया में एक मैसेज भेजना चाहते थे

Shubham Sharmaअपडेटेड Mar 06, 2025 पर 12:57 PM
ट्रंप को हो गया अपनी भूल का एहसास! अब सेना के विमानों से अवैध प्रवासियों को नहीं किया जा रहा डिपोर्ट, पड़ रहा है काफी महंगा
ट्रंप को हो गया अपनी भूल का एहसास! अब सेना के विमानों से अवैध प्रवासियों को नहीं किया जा रहा डिपोर्ट

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते है अमेरिका में अवैध तरीके से रह लोगों को उनके देशों में डिपोर्ट कर शुरू कर दिया था। जिस तरीके से लोगों को जंजीरों और हथकड़ी लगाकर सैन्य विमानों के जरिए डिपोर्ट किया जा रहा था है, उसने सभी को हैरान कर दिया। हालांकि, अब कुछ दिनों में ट्रंप प्रशासन ने फैसला किया है कि अब अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए अमेरिकी सैन्य विमानों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, क्योंकि इसकी लागत काफी ज्यादा आ रही है।

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने बताया है कि आखिरी बार 1 मार्च को सैन्य विमान से अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अब ऐसे उपायों पर रोक को बढ़ाया जा सकता है या स्थायी किया जा सकता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी में ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही अमेरिका ने कुछ प्रवासियों को उनके अपने देशों या ग्वांतानामो बे में सैन्य अड्डे तक पहुंचाने के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। हालांकि, यह कदम महंगा ट्रंप प्रशासन के लिए महंगा पड़ रहा है।

ट्रंप प्रशासन ने कथित तौर पर डिपोर्टेशन के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल इसलिए किया, क्योंकि वह दुनिया में एक मैसेज भेजना चाहते थे कि देश में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों के प्रति उनका रुख कितना सख्त है।

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