Federal Reserve : फेडरल रिजर्व की जून की दो दिवसीय पॉलिसी मीटिंग बुधवार को समाप्त हो जाएगी। इसमें ब्याज दरों में लगभग 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की पूरी संभावनाएं हैं। इसमें आर्थिक विकास से जुड़े अहम संकेत भी दिए जाएंगे, जिसमें इंटरेस्ट रेट पॉलिसी के लिए मेंबर्स के अनुमान शामिल हैं। वहीं बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दर बढ़ा सकता है।
फेड से मिल चुके हैं ये संकेत
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेड की मई में हुई मीटिंग में चेयरपर्सन जे पॉवेल (Jay Powell) ने कहा था कि यदि महंगाई और आर्थिक स्थितियां व्यापक रूप से बैंक के अनुमानों के अनुरूप रहती हैं तो अगली दो बैठकों यानी जून और जुलाई में हम दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेंगे। हालांकि, सितंबर में एक अन्य बढ़ोतरी की संभावनाएं स्पष्ट नहीं हैं और यह इस बात पर निर्भर करेगा कि महंगाई की दिशा आगे कैसी रहती है।
साल भार जारी रहेगी बढ़ोतरी
नैटवेस्ट के चीफ यूएस इकोनॉमिस्ट केविन क्यूमिंस को उम्मीद है कि फेड अधिकारियों के औसत रुख को देखें तो साल के अंत तक इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी जारी रहेगी। इस प्रकार मार्च की रिपोर्ट की तुलना में दरों में ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हालांकि, उन्हें 2023 या 2024 में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।
मई के महंगाई के आंकड़ों से फेड पर आक्रामक रूप से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का प्रेशर बना होगा। एक महीने पहले की तुलना में मई में महंगाई 1 फीसदी बढ़कर 8.6 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।
क्या ब्याज दरों में अतिरिक्त बढ़ोतरी करेगा Bank of England
इस सप्ताह बैंक ऑफ इंग्लैंड ब्याज दरों में लगातार पांचवीं बढ़ोतरी कर सकता है हालांकि, इस मोर्चे पर इनवेस्टर्स और इकोनॉमिस्ट्स की राय बंटी हुई है।
मार्केट प्राइसिंग से ब्याज दर 0.25 फीसदी बढ़कर 1.25 फीसदी होने के संकेत हैं। ऐसी भी उम्मीद जताई जा रही हैं कि फेडरल रिजर्व की राह पर चलते हुए बैंक ऑफ इंग्लैंड आधा फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
बैंक ऑफ जापान का क्या होगा रुख
बड़ा सवाल यह है कि क्या Bank of Japan अगले हफ्ते होने वाली पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। ज्यादातर इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि ग्लोबल रुख के विपरीत बैंक ऑफ जापान यथास्थिति बनाए रखेगा।