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'ईरान की सीक्रेट सर्विस का हेड था मोसाद का जासूस' पूर्व राष्ट्रपति अहमदीनेजाद के दावे ने दुनिया को चौंका दिया

अहमदीनेजाद ने दावा किया कि ईरान की खुफिया टीम में लगभग 20 एजेंट थे, जो एक एंटी मोसाद यूनिट थी, असल में वे इजरायली जासूस थे, जो यहूदी देश को संवेदनशील जानकारी लीक कर रहे थे। उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "ईरान की एंटी मोसाद सीक्रेट एजेंसी का बॉस खुद मोसाद एजेंट था...ईरान की सीक्रेट सर्विस ने ईरान में सक्रिय मोसाद का मुकाबला करने के लिए एक स्पेशल यूनिट बनाई थी

अपडेटेड Oct 01, 2024 पर 9:31 PM
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'ईरान की सीक्रेट सर्विस का हेड था मोसाद का जासूस' पूर्व राष्ट्रपति अहमदीनेजाद के दावे ने दुनिया को चौंका दिया

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने खुलासा किया है कि ईरान की टॉप सीक्रेट सर्विस का प्रमुख खुद एक अंडरकवर मोसाद एजेंट था। पूर्व राष्ट्रपति के मुताबिक, डबल एजेंटों ने इजरायल को ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी थी। अहमदीनेजाद एक कट्टरपंथी नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि कथित मोसाद के सहयोगी 2021 में अपना रहस्य उजागर होने से पहले देश से भागने में कामयाब रहे और अब इजरायल में रह रहे हैं।

CNN-Turk के साथ एक इंटरव्यू में, अहमदीनेजाद ने दावा किया कि ईरान की खुफिया टीम में लगभग 20 एजेंट थे, जो एक एंटी मोसाद यूनिट थी, असल में वे इजरायली जासूस थे, जो यहूदी देश को संवेदनशील जानकारी लीक कर रहे थे।

उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "ईरान की एंटी मोसाद सीक्रेट एजेंसी का बॉस खुद मोसाद एजेंट था...ईरान की सीक्रेट सर्विस ने ईरान में सक्रिय मोसाद का मुकाबला करने के लिए एक स्पेशल यूनिट बनाई थी।"


पूर्व राष्ट्रपति ने दावा किया, "यह पता चला है कि इस यूनिट का हेड खुद मोसाद एजेंट था, साथ ही 20 और एजेंट भी थे, जो ईरान में कई ऑपरेशनों के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें परमाणु दस्तावेज चुराना और इजरायल भागने से पहले कई ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या करना शामिल था।"

हालांकि, इस दावे को वैरिफाई नहीं किया जा सका है। अगर ये सच है, तो इससे पता चलता है कि ईरान जैसे दुश्मनों में भी इजरायल की कितनी गहरी पैठ है।

फ्रांसी के एक अखबार की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक ईरानी जासूस ने इजराइल को हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के ठिकाने के बारे में बताया था, जिसे बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हवाई हमले में मार गिराया गया था।

द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, कई ईरानी अधिकारी पहले भी ईरान में मोसाद की घुसपैठ पर बयानबाजी कर चुके हैं।

लंदन की फारसी-भाषा की न्यूज साइट मनोटो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के सलाहकार के रूप में काम कर चुके एक पूर्व मंत्री ने 2022 में दावा किया था कि इजरायल की जासूसी एजेंसी की "घुसपैठ" के कारण तेहरान में वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित होना चाहिए।

पिछले हफ्ते इजरायल ने हवाई हमले में नसरल्ला को ढेर कर दिया, जिससे लेबनान में हिजबुल्लाह को करारा झटका लगा।

सितंबर में दो दिन लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह वर्कर के इस्तेमाल किए जाने वाले हजारों पेजर और वॉकी-टॉकीज में धमाके हुए, जिसमें कम से कम 39 लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए।

आमतौर पर यह माना जाता है कि हमले इजराइल ने प्लान किए गए थे, हालांकि, उसने इससे न ही इनकार किया और न ही हामी भरी।

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