क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन से लड़ाई की वैश्विक कोशिशों से जुड़ी बैंक लेंडिंग और इनवेस्टमेंट एक्टिविटीज से गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने किनारा कर लिया है। इस ग्रुप से किसी अमेरिकी फाइनेंशियल कंपनी की लेटेस्ट हाई-प्रोफाइल विदाई है। गोल्डमैन सैक्स का यह कदम कुछ रिपब्लिकन नेताओं के दबाव के बीच आया है, जिन्होंने यह सुझाव दिया था कि नेट-जीरो बैंकिंग अलायंस (NZBA) की सदस्यता एंटी-ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन कर सकती है। गोल्डमैन ने इस ग्रुप से बाहर निकलने का कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताया, लेकिन उसने अपनी भविष्य की रणनीति पर जोर दिया और साथ ही इस बढ़ते दबाव को स्वीकार किया, जिसे नियामक संस्थाएं सस्टेनेबिलिटी को अनिवार्य बनाने के लिए लागू कर रही हैं।
नेट-जीरो बैंकिंग अलायंस में शामिल होने वाले बैंक वर्ष 2050 तक वैश्विक उत्सर्जन को नेट-जीरो करने के लक्ष्य से सहमति दिखाते हैं। इसे हासिल करने को लेकर वे अपने लक्ष्य निर्धारित करते हैं और हर साल कितनी ग्रोथ हुई, इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश करते हैं। गोल्डमैन इस ग्रुप से बाहर जरूर हुआ है लेकिन यह भी कहा है कि वह रिपोर्ट आगे भी जारी करता रहेगा यानी कि यह नेट जीरो के लक्ष्यों को लेकर काम करता रहेगा। इसके अलावा गोल्डमैन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उसने नेट जीरो के लक्ष्य को लेकर काफी कुछ किया है और आगे भी इसमें विस्तार होगा और इसे अतिरिक्त सेक्टर्स तक विस्तार किया जाएगा।
कई निवेशक कर रहे मुकदमे का सामना
इस साल की शुरुआत में गोल्डमैन सैक्स के फंज मैनेजमेंट समेत कई अमेरिकी निवेशकों ने उन वैश्विक समूहों को छोड़ दिया था जो कंपनियों को जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इसके अलावा ब्लैकरॉक समेत कई निवेशकों पर टेक्सास और रिपब्लिकन की सरकार वाले 10 अन्य राज्यों में एंटी-ट्रस्ट कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया गया है।