Gurpatwant Singh Pannun : खालिस्तान समर्थक ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) के फाउंडर गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का भारत का अनुरोध खारिज करने की मुख्य वजह इंटरपोल (Interpol) के धार्मिक महत्व के मामलों में दखल नहीं देने से जुड़ा नियम है। इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल ने न्यूज18 से बातचीत के दौरान यह बात कही।
इंटरपोल के साथ संपर्क में रहने वाली सीबीआई ने नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी के पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्न नोटिस (red corner notice) जारी करने के अनुरोध को भेजा था, लेकिन इसे कुछ क्वेरीज के साथ वापस भेज दिया गया।
क्यों खारिज किया भारत का अनुरोध
विशेष रूप से न्यूज18 के साथ बातचीत में, इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल जर्गेन स्टॉक (Jurgen Stock) ने कहा कि वह किसी खास मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। लेकिन उन्होंने कहा, “संगठन ने खुद को ऐसी गतिविधि में दखल देने से अलग रखा हुआ है, जो राजनीति, सैन्य, धार्मिक या नस्लीय मामलों से संबंधित हो सकते हैं। तथ्यों के आधार पर हम ऐसे मामलों से अलग रहते हैं और हम सहयोग के लिए सदस्य देशों को इनकार करते हैं।” इंटरपोल कांस्टीट्यूशन का आर्टिकल 3 में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख किया गया है।
भारत ने अलगाववादी संगठनों के जरिए देश के खिलाफ साजिश को लेकर पन्नू पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी। भारत की कोशिश है कि जिन तमाम संगठनों को भारत सरकार ने बैन किया है, उनके कट्टर नेताओं को हिरासत में लिया जाए। लेकिन इंटरपोल के इस कदम से सुरक्षा एजेंसियों को करारा झटका लगा है। इतना ही नहीं भारत ने जिस UAPA के तहत पन्नू (Gurpatwant singh pannun) के खिलाफ नोटिस जारी करने की मांग की थी, इंटरपोल ने उस पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
सिख फॉर जस्टिस का फाउंडर है पन्नू
गुरपतवंत सिंह पन्नू अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस का फाउंडर और इसका लीगल एजवाइजर है। भारत सरकार की ओर से यह लगातार दूसरी कोशिश थी जब पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की गई थी। लेकिन इंटरपोल की तरफ से यह कहकर इसे खारिज कर दिया कि भारतीय एजेंसियां पन्नू के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पा रही हैं।