कुछ दिनों पहले गाम्बिया में कफ सिरप के चलते 70 बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद भारत समेत कुछ देशों में कार्रवाई हो रही है। इंडोनेशिया ने आज शनिवार (15 अक्टूबर) को इन इनग्रेडिएंट्स पर बैन लगा दिया है जिसे इन बच्चों की मौत की वजह माना जा रहा है। इंडोनेशिया का कहना है कि इस मामले में बच्चों की किडनी को हुए नुकसान की जांच चल रही है जिसके चलते प्रतिबंध लगाया गया है। इंडोनेशिया की खाद्य और दवा नियामक BPOM का कहना है कि डाईएथिलीन ग्लाईकॉल और एथिलीन ग्लाईकॉल के चलते कफ सिरप जानलेवा बना।
इंडोनेशिया में रजिस्टर्ड नहीं है चारों प्रोडक्ट्स
जिन चार कफ सिरप के चलते गाम्बिया में बच्चों के साथ हादसा हुआ, वे इंडोनेशिया में रजिस्टर्ड नहीं हैं। BPOM के मुताबिक जिन चार प्रोडक्ट्स के चलते गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत हुए, वे उनके यहां रजिस्टर्ड नहीं हैं और इसके अलावा इन्हें बनाने वाली मेडेन फार्मा की कोई अन्य प्रोडक्ट्स भी इंडोनेशिया में रजिस्टर्ड नहीं हैं।
इंडोनेशिया की दवा नियामक BPOM ने कहा कि आम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए रजिस्ट्रेशन के समय में ही कुछ शर्तों पर परखा जाता है जैसे कि बच्चों या वयस्कों के लिए किसी भी सिरप दवा में डाईएथिलीन ग्लाईकॉल और एथिलीन ग्लाईकॉल को मंजूरी नहीं है।
भारत और गाम्बिया में भी हो रही जांच
गाम्बिया और भारत मे इस हादसे में कफ सिरप की भूमिका को लेकर जांच हो रही है।इस कफ सिरप को भारत की एक फार्मा कम्पनी मेडेन फार्मा (Maiden Pharma) ने तैयार किया है। इसके चलते गाम्बिया में कुछ बच्चों को किडनी से जुड़ी गम्भीर समस्या हो गयी और उनकी मौत हो गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि मेडेन फार्मा के चार प्रोडक्ट्स में इनग्रेडिएंट्स खतरनाक स्तर पर हैं।