इजरायल ने तेल अवीव में हुए ड्रोन हमले पर जबावी कार्रवाई शुरू कर दी है। 20 जुलाई को यमन को पश्चिमी यमन में हूती विद्रोही समूह के कई ठिकानों पर जमकर बमबारी की है। इजरायली सेना ने यह जानकारी दी। इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष के अब पूरे मध्य पूर्व में फैलने की आशंका तेजी से बढ़ती जा रही है। इजरायली लड़ाकू विमानों ने हूती के कब्जे वाले यमनी पोर्ट होदेदा में हमला किया। इस हमले से वहां ऑयल डिपो में आग लग गई। इसमें 3 लोगों की मौत 80 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
अक्टूबर में इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से यमन की धरती पर यह इजरायल का पहला हमला था। इजरायल ने हूतियों के खिलाफ नया मोर्चा खोलने की धमकी दी थी। 5 F-16 लड़ाकू विमान, 8 F-35 एयरक्राफ्ट की मदद से इजराइल ने इस एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है।
इजरायल के रक्षा मंत्री ने जारी किया बयान
इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि इजरायली नागरिकों के खून की कीमत होती है। इसके चुकानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगर हूती हम पर हमला करने की हिम्मत करते हैं, तो उनके खिलाफ और भी अभियान चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हूतियों ने हम पर 200 से अधिक बार हमला किया है। यह पहली बार था, जब उन्होंने किसी इजरायली नागरिक को नुकसान पहुंचाया है। इसी वजह से हमने उन पर हमला किया। इजराइल की सेना ने कहा कि उसने अकेले ही स्ट्राइक की है। इस बारे में उसने अपने सहयोगियों को भी जानकारी दी थी। मिली जानकारी के मुताबिक, सेना ने पोर्ट के मेन एंट्री पॉइंट को निशाना बनाया है। यहां से ईरानी हथियार आते हैं।
अमेरिका-ब्रिटेन ने मिलकर किया हमला - अल अरेबिया
वहीं, इस हमले के बाद यमन के कई पेट्रोल पंप्स को बंद करवा दिया गया है। अल अरेबिया ने दावा किया है कि इस हमले को इजरायल, अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर अंजाम दिया है। हूती प्रवक्ता मोहम्मद अब्देल सलाम ने कहा कि यमन के खिलाफ इजरायल की क्रूर कार्रवाई बेहद निराशाजनक है। इस हमले का मकसद यमन पर गाजा का समर्थन बंद करने के लिए दबाव डालना है। यह एक ऐसा सपना है जो कभी सच नहीं होगा।