कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आज (6 जनवरी 2025) लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं। द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि, जस्टिन ट्रूडो इसी हफ्ते या अलगे एक या दो दिनों के भीतर पद छोड़ सकते हैं। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कॉकस की बुधवार को बैठक होने वाली है। इससे पहले ट्रूडो लिबरल पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफा सौंप सकते हैं। कहा जा रहा है कि बैठक में ट्रूडो को विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में ट्रूडो को लगा कि उन्हें कॉकस की बैठक से पहले इस्तीफे को लेकर बयान जारी करना चाहिए ताकि, यह नहीं लगे कि उन्हें उनकी ही पार्टी के सांसदों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सूत्रों का कहना है कि लिबरल पार्टी के कॉकस की बैठक में ट्रूडो को पार्टी नेता के पद से हटाया जा सकता है।
क्या ट्रूडो बने रहेंगे पीएम?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साफ नहीं है कि ट्रूडो तुरंत पद छोड़ देंगे या नए नेता के चुने जाने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। पिछले हफ्ते स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने कहा था कि उनकी टीम लिबरल नेता के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री पद पर बनाए रखने का तरीका खोज रही है। हालांकि, अगर ट्रूडो लिबरल नेता के पद से इस्तीफा देते हैं। तब ऐसी स्थिति में ट्रडो आम तौर पर प्रधानमंत्री पद से भी हट जाएंगे। इसकी वजह ये है दोनों भूमिकाएं पारंपरिक रूप से एक ही व्यक्ति के पास रहती हैं। ऐसे मामले में लिबरल पार्टी एक अंतरिम नेता नियुक्त कर सकती है, जो नए नेता के चुने जाने तक प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। वहीं वे नए नेता के चुने जाने तक पद पर बने रहने का विकल्प भी ट्रूडो चुन सकते हैं।
बता दें कि ट्रूडो ने 2015 में जबरदस्त जीत हासिल की थी। इसके बाद सत्ता में कदम रखा था। इसके बाद साल 2019 और 2021 में भी उन्होंने अपनी पार्टी लिबरल्स को शानदार जीत दिलाई। लेकिन मौजूदा समय में जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक, इस समय वह अपने मुख्य प्रतिद्वंदी कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पॉइलीवर से 20 पॉइंट पीछे चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें सत्ता से बाहर किया जा सकता है।
इधर लिबरल सदस्यों की ओर से ट्रूडो पर इस्तीफा देने का भारी दबाव है। उनके विरोध में खुलकर सांसद आ चुके हैं। उन्हें हटाने के लिए तो सिग्नेचर कैंपेन भी चलाया जा चुका है। बंद कमरे में उन पर सवालों की बौछार भी हो चुकी है। ऐसे में लिबरल पार्टी को अब लगने लगा है कि ट्रूडो के नेतृत्व में कनाडा में उनकी हार निश्चित है। लिहाजा ट्रूडो की पीएम की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है।