राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के गुजराती कश्यप 'काश' पटेल को बड़ी जिम्मेदारी दी है। ट्रंप ने कश्यप 'काश' पटेल एफबीआई डायरेक्टर के रूप में नॉमिनेट किया है। काश पटेल ट्रंप के काफी करीबी माने जाते हैं। पटेल 2017 में इंटेलिजेंस पर हाउस पार्लियामेंट्री सेलेक्ट कमेटी के सदस्य बने थे। पटेल अमेरिका के खुफिया समुदाय के बारे में कट्टरपंथी विचार रखते हैं। ट्रंप ने काश पटेल की नियुक्ति की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ (Truth) पर की है। पहले उनका नाम CIA चीफ बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था। लेकिन बाद में इस पद पर जॉन रैटक्लिफ को चुन लिया गया।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ (Truth) पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ FBI के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक शानदार वकील, इंवेस्टिगेटर और ‘अमेरिका फर्स्ट’ वॉरियर हैं। जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।”
44 साल के काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। काश पटेल के माता-पिता का जीवन युगांडा में गुजरा। वो मूल रूप से गुजरात के वडोदरा के रहने वाले हैं। पिता 1970 के दशक में बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका आ गए थे। जिसके बाद साल 1980 में काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई की। नस्लवाद विरोधी माने जाने वाले काश ने इससे पहले ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज से अंतरराष्ट्रीय कानून में सर्टिफिकेट भी हासिल किया था। काश पटेल ने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया। इससे पहले राष्ट्रपति के उप सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में भी काश काम कर चुके हैं।
काश के पास आतंकियों से निपटने का है अनुभव
बता दें कि काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान भी अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। तब उन्होंने ISIS, अल-बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे अल-कायदा नेताओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। बस यहीं से काश पटेल ट्रंप की नजरों में आ गए थे। उन्होंने अमेरिकी बंधकों को वापस स्वदेश लाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा कश्यप पटेल ने इंटेलिजेंस पर हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ वकील के रूप में भी काम किया था।