लंदन (London) में बुधवार को भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और बैरिकेड्स लगा दिए गए। ये सब कुछ ब्रिटिश सिख समूहों की तरफ से होने वाले विरोध प्रदर्शनों के चलते किया गया है। फेडरेशन ऑफ सिख ऑर्गेनाइजेशन (FSO) और सिख यूथ जत्थेबंदिया जैसे समूहों की तरफ से आयोजित एक तथाकथित "राष्ट्रीय विरोध" के बैनर रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन पोस्ट में बताया गया था कि ये विरोध प्रदर्शन भारतीय उच्चायोग के बाहर होगा। इसी कड़ी में बुधवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया। उन्होंने नारे भी लगाए और हाथों में तख्तियां भी लिए हुए थे जिन पर लिखा था, 'पंजाब अंडर सीज।'
भारत सरकार ने इससे पहले अपने राजनयिक मिशन में सुरक्षा की कमी को लेकर ब्रिटेन के सामने मजबूत विरोध दर्ज किया था। तब खालिस्तान के झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने मिशन की खिड़कियों को तोड़ा और तिरंगे को नीचे खींचने की कोशिश की थी।
वीकेंड के बाद से, कई वर्दीधारी अधिकारी एल्डविच के क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं और मेट्रोपॉलिटन पुलिस वैन को इंडिया प्लेस में तैनात किया गया है। बुधवार को हो रहे ये प्रदर्शन को लेकर प्रदर्शनकारियों ने दावा किया "पंजाब में भारतीय पुलिस की भेदभाव वाली कार्रवाई" का वे विरोध कर रहे हैं।
भारत में ब्रिटिश उच्चायोग की सुरक्षा हुई कम
इससे पहले बुधवार को दिन में दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर अतिरिक्त बैरिकेड्स हटा दिए थे। ऐसा माना जा रहा है कि भारत सरकार ने लंदन में अपने उच्चायोग में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने की जवाबी कार्रवाई में ऐसा किया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में ब्रिटिश मिशन की सुरक्षा व्यवस्था अब भी चाक-चौबंद है।
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में तिरंगे को खालिस्तानी कार्यकर्ताओं की तरफ से नीचे उतारे जाने के कुछ दिनों बाद दिल्ली पुलिस ने यहां सुरक्षा बढ़ा दी थी और अतिरिक्त बैरिकेड्स भी लगाए थे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया, “यहां ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। हालांकि, हाई कमीशन की ओर जाने वाले मार्ग पर लगाये गए बैरिकेट्स हटा दिए गए हैं, क्योंकि ये आने-जाने में परेशानी पैदा कर रहे थे।”
शीर्ष ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा है कि ब्रिटेन सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को “गंभीरता से” लेगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के एक समूह की तरफ से अलगाववादी खालिस्तानी झंडे लहराते हुए भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने की घटना को “अपमानजनक” और “पूरी तरह से अस्वीकार्य” करार देते हुए इसकी निंदा भी की थी।
दरअसल ये सभी संगठन और उनके सदस्य पंजाब में 18 मार्च को खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अमृतपाल सिंह फिलहाल फरार, लेकिन उसके वारिस पंजाब दे के सदस्यों और उसके साथियों के गिरफ्तार कर लिया गया है।