पाकिस्तान (Pakistan) की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पंजाब पुलिस से कहा कि प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) 18 जनवरी तक गिरफ्तार होना चाहिए। अदालत के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि कोर्ट ने टेरर फंडिंग (Terror Funding) के एक मामले में सुनवाई करते हुए पुलिस से ये बात कही।
दरअसल गुजरांवाला की आतंकवाद निरोधी अदालत (ATC) ने गुरुवार को पिछली सुनवाई में सीटीडी की तरफ से लगाए गए आतंकी वित्तपोषण मामले में अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि एटीसी गुजरांवाला की जज नताशा नसीम सुप्रा ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान CTD को निर्देश दिया कि वह 18 जनवरी तक JeM प्रमुख मसूद अजहर को गिरफ्तार करे और उसे अदालत में पेश करे। उन्होंने आगे कहा कि अगर उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाती है, तो अदालत उसे एक घोषित अपराधी घोषित करने के लिए कार्यवाही शुरू कर सकती है।
दरअसल फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर कार्रवाई शुरू की थी और लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर गुजरांवाला में JeM के छह आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। अजहर इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहा है। उस पर आतंकी वित्तपोषण और जिहादी साहित्य बेचने के आरोप लगे हैं।
पुलवामा हमले के बाद चारों तरफ से अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के 100 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें मसूद अजहर का बेटा और भाई भी शामिल था।
पाकिस्तान सरकार का दावा है कि उन्होंने JeM, मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की जमात-उद-दावा (JuD) और फलाही इंसानियत फाउंडेशन (FIF) की संपत्तियों सहित देश भर के अर्धसैनिकों और मस्जिदों पर भी नियंत्रण कर लिया।
मालूम हो कि JeM ने ही पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली था, जिसमें CRPF के 40 जवान मारे गए थे। मई 2019 में, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।
बता दें कि मसूद अजहर को 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए भारत सरकार ने रिहा कर दिया था। अपनी रिहाई के बाद अजहर ने JeM का गठन किया और भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया।
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