अब इंडिया बन जाएगा जी20 का अध्यक्ष, पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बढ़ेगी इसकी शान
PM Modi at G20 Summit: इंडोनेशिया के बाली में G20 की बैठक 15 नवंबर को शुरू हो गई है। यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है, जब यूक्रेन-रूस की लड़ाई को लेकर दुनिया के देश बंटे हुए हैं
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह जी20 की पहली शिखर बैठक है।
PM Modi at G20 Summit: इंडोनेशिया के बाली में G20 की बैठक 15 नवंबर को शुरू हो गई है। इसमें दुनिया के बड़े 20 देशों के नेता (Head of nations) हिस्सा ले रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है, जब यूक्रेन-रूस की लड़ाई को लेकर दुनिया के देश बंटे हुए हैं। इधर, हाई इनफ्लेशन दुनियाभर के लिए सिरदर्द बन गया है। दुनिया पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह जी20 की पहली शिखर बैठक है। रूस ने इस साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला शुरू किया था। उसके बाद अमेरिका सहित कई बड़े देशों ने रूस पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए। इसके बावजूद रूस के रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है।
आइए जानते हैं कि जी20 क्या है, इसके सदस्य कौन-कौन देश हैं और बाली सम्मेलन में कौन-कौन से नेता शामिल हो रहे हैं।
G20 क्या है?
यह दुनिया के बड़े 20 देशों का संगठन है। दुनिया के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में इन देशों की 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। वैश्विक व्यापार में 75 फीसदी और वैश्विक आबादी में इनकी 60 फीसदी हिस्सेदारी है।
कौन-कौन देश G20 के सदस्य हैं?
जी20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडिया, इंडोनेशिया, इटली, जापाना, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंग्डम, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं।
कौन-कौन से बड़े नेता इस सम्मेलन में हो रहे शामिल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाली सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इंडिया जी20 का अध्यक्ष बनने जा रहा है। मोदी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से इस संगठन की अध्यक्षता ग्रहण करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति सहित दुनिया के कई बड़े नेताओं के साथ उनकी मुलाकात होने वाली है। वह बाली में भारतीय लोगों के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। बाली ऐसा द्वीप है, जहां बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं।
माना जा रहा है कि बाइडेन इस बैठक में कई अहम मसलों पर दुनिया के दूसरे नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। इनमें ताइवान को लेकर तनाव, मानव अधिकार, यूक्रेन-रूस लड़ाई और उत्तर कोरिया का न्यूक्लियर प्रोग्राम शामिल होंगे।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
इस बैठक में शी जिनपिंग भी शामिल हो रहे हैं। यह कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद उनकी दूसरी विदेश यात्रा है। उन्होंने 14 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। उनके आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति सहित कई नेताओं से मुलाकात करने की संभावना है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
इस बैठक में रूस का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश मंत्री कर रहे हैं। बताया जाता है कि ज्यादा व्यस्त होने की वजह से पुतिन खुद इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं आ सके। पश्चिमी देशों ने इंडोनेशिया पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन को आमंत्रित नहीं करने का दबाव बनाया था। उनका यह भी कहना था कि यूक्रेन पर हमलों को देखते हुए रूस को इस संगठन से बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन, इंडोनेशिया ने यह कहते यह मांग खारिज कर दी कि वह दूसरे सदस्यों से विचार किए बगैर ऐसा नहीं कर सकता।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक
सुनक के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करने की उम्मीद है। ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सुनक और बाइडेन द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत कर सकते हैं। बातचीत में इंडो-पैसेफिक पर चीन के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाने के मसले पर भी चर्चा हो सकती है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
ट्रूडो इस बैठक में फूड, एनर्जी सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज और हेल्थ सहित कई मसलों पर चर्चा कर सकते हैं। वह दुनिया के सामने आज जो बड़े चैलेंजेज हैं, उन पर भी ट्रूडो के चर्चा करने की उम्मीद है।
उपर्युक्त नेताओं को अलावा ये नेता भी इस सम्मलेन में हिस्सा ले रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुअल मैक्रों,सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरील रामफोसा,
तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब एर्दोगान और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडेज।