PM Modi UAE Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने दुबई में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात की। इसके बाद पीएम मोदी ने दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट (World Govt Summit) को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दुबई वैश्विक अर्थव्यवस्था, कमर्शियल और टेक्नोलॉजी का केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा, "दुबई जिस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का वैश्विक केंद्र बन रहा है, वह बहुत बड़ी बात है।" उन्होंने कहा कि UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद दूरदर्शी और दृढ़संकल्प वाले नेता हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद विभिन्न रूपों में मानवता के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु से संबंधित चुनौतियां बढ़ रही हैं। एक तरफ घरेलू चिंताएं हैं, दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि दुनिया को आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों और सबको साथ लेकर चलें, जो भ्रष्टाचार से मुक्त हों।
वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में पीएम मोदी ने आगे कहा, "आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों, जो सबको साथ लेकर चलें।" इस दौरान UAE के उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा, "आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं। खाद्य सुरक्षा हो... स्वास्थ्य सुरक्षा हो... जल सुरक्षा हो... ऊर्जा सुरक्षा हो... शिक्षा हो... समाज को समावेशी बनाना हो... हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है।"
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो इनक्लूसिव हों, जो सबको साथ लेकर चले।
उन्होंने कहा कि 'सबका साथ-सबका विकास' के मंत्र पर चलते हुए हम लास्ट मिल डिलीवरी और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम ना केवल सरकारों के साथ उपस्थित चुनौतियों का समाधान करेंगे, बल्कि विश्व-बंधुत्व को भी मजबूती देंगे। एक विश्व-बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। अपनी G-20 प्रेसिडेंसी के दौरान भी हमने इसी भावना को आगे बढ़ाया। हम वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर के भाव से चले।