Protests in China : चीन में जारी भारी विरोध के बीच, ट्विटर (Twitter) की एंटी प्रोपागैंडा टीम देश में ‘परेशान करने वाले कंटेंट’ की बाढ़ से जूझ रही है। इस कंटेंट का उद्देश्य संभवतः शी जिनपिंग (Xi Jinping) की कोविड पॉलिसी (Covid policy) के खिलाफ आंदोलन की खबरों में कमी लाना है। बीजिंग और शंघाई सहित चीन के कई बड़े शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर चुके हैं। वे लॉकडाउन खत्म करने और ज्यादा राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग का समर्थन कर रहे हैं। 1989 में लोकतंत्र समर्थक रैलियों को कुचले जाने के बाद यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है।
लंबे समय से निष्क्रिय अकाउंट अब डाल रहे ऐसे लिंक
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई महीनों या एक साल से निष्क्रिय पड़े कई चायनीज भाषा के अकाउंट्स से शहरों के नाम के साथ एस्कॉर्ट्स सर्विसेज और एडल्ट ऑफरिंग्स के लिंक्स सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं।
स्पैमिंग के चलते, चीन के शहरों और लोकेशन के नाम के साथ सर्च करने पर विरोध प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी के बजाय फिजूल के ट्वीट्स के कई पेज नजर आते हैं। खास बात यह है कि ट्विटर में बड़े स्तर पर छंटनी और इस्तीफे के बाद स्टाफ की संख्या 7,500 से घटकर महज 2,000 रह गई है। Twitter पर उसके एंटी प्रोपागैंडा, ह्यूमन राइट इश्यू सहित कई ग्रुप्स में मुट्ठी भर लोग रह गए हैं या कोई स्टाफ ही नहीं है।
सोशल मीडिया पर विरोध से जुड़े कंटेंट पर लगी रोक
बीजिंग ने चायनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रदर्शनों से संबंधित कंटेंट पर भी रोक लगा दी है। सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रैलियों की खबरों को प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया है। साथ ही, “Liangma River", “Urumqi Road" जैसे शब्दों के रिफरेंस सर्च को ट्विटर जैसे Weibo platform से हटा दिया है, जो बीजिंग और शंघाई की लोकेशन हैं। यहां पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
विरोध में गाने गा रहे यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और दूसरे शहरों में हो रही रैलियों के वीडियो वीचैट से हटा दिए गए हैं। ऐसे वीडियो को नॉन कंप्लायंट या सेंसिटिव कंटेंट बताया जा रहा है।
अमेरिकी सरकार के एक कॉन्ट्रैक्टर और चाइना एक्सपर्ट ने कहा, “50 फीसदी पोर्न, 50 फीसदी विरोध प्रदर्शन।” उन्होंने कहा, दिन में पोस्ट देखने पर मुझे फीड में तीन से 4 स्क्रॉल मिले, जो ज्यादातर पोर्न थे।