Russia-Ukraine crisis : रूस-यूक्रेन क्राइसिस के असर के बीच 22 फरवरी को शुरुआती कारोबार में क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrencies) लाल निशान में बनी हुई हैं। रूस के यूक्रेन को लेकर आक्रामक रुख के चलते अमेरिका और यूरोप उस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है, जिसका असर वैश्विक बाजारों पर दिख रहा है।
बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत पिछले 24 घंटे में 4.35 फीसदी की गिरावट के साथ फिलहाल (सुबह 8.55 बजे) 29.63 लाख रुपये के स्तर पर बनी हुई है। इथेरियम (Ethereum) भी 4.81 फीसदी कमजोर होकर 2.05 लाख रुपये पर है।
Cardano और XRP में सबसे ज्यादा नुकसान
सबसे ज्यादा नुकसान क्रिप्टोरकरेंसीज Cardano (67.97 रुपये) और XRP (55.72 रुपये) में हुआ, जिनमें क्रमशः 11.31 फीसदी और 11.16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इनके बाद Binance Coin (28,500 रुपये, 7.65 फीसदी कमजोरी), Dogecoin (10.21 रुपये, 7.43 फीसदी कमजोर) और Polkadot (1,286 रुपये, 6.91 फीसदी कमजोर) में खासी गिरावट रही। एक मात्र क्रिप्टोकरेंसी तेथेर (Tether) हरे निशान में रही, जो 0.49 फीसदी की मामूली मजबूती के साथ 79.45 रुपये पर बनी हुई है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 21 फरवरी को पूर्वी यूक्रेन के दो अलग क्षेत्र को स्वतंत्र रूप में मान्यता देते हुए सेनाओं के प्रवेश के आदेश दिए जाने से पश्चिम में युद्ध का खतरा गहरा गया है।
इस कदम की अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने आलोचना की है और वे रूस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पश्चिमी देश रूसी सेना के कदम को पूर्ण हमला मानेंगे।
अमेरिका ने मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की बात कही है। व्हाइट हाउस के एक स्पोक्सपर्सन ने एएफपी को बताया, “हमारी मॉस्को के फैसले और कदम के जवाब में रूस पर नए प्रतिबंधों का ऐलान करने की योजना है। हम इस घोषणा पर सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
इसके अलावा, रूस की क्रिप्टो पॉलिसी पर असमंजस के चलते भी क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट है।
रूस के वित्त मंत्रालय ने 21 फरवरी को कहा कि उनका केंद्रीय क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रस्ताव लाएगा, जिससे उसके रुख को लेकर कोई विरोधाभास न हो। इससे डिजिटल एसेट्स को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने का रास्ता साफ होगा। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने 18 फरवरी को क्रिप्टो पर कानून बनाने का प्रस्ताव पेश किया था, जो उसके केंद्रीय बैंक के रुख के विपरीत था। दरअसल, बैंक ऑफ रशिया पहले ही डिजिटल करेंसी से देश की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी को चुनौती को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग और इसकी माइनिंग पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव कर चुका है।