Musk-Twitter Deal: दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलॉन मस्क (Elon Musk) और ट्विटर के बीच सौदे में अहम मोड़ आया है। मस्क ने आरोप लगाया है कि ट्विटर के अधिकारियों ने व्हिसलब्लोअर पीटर जैटको (Peiter Zatko) को कंपनी की सभी गलतियों के सबूत नष्ट करने का आदेश दिया था। मस्क ने यह आरोप Zatko के खुलासे पर लगाया है। मस्क के अटार्नी ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal), ट्विटर के टॉप को दो अटार्नी- विजया गड्डे (Vijaya Gadde) और सीन एजेट (Sean Edgett) और चीफ प्राइवेसी ऑफिसर Damien Kieran पर आरोप लगाया है।
कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक ट्विटर के पूर्व सिक्योरिटी हेड Zatko को कंपनी एडमिनिस्ट्रेशंस ने हाथ से लिखी हुई 10 नोटबुक और 100 कंप्यूटर फाइल डिलीट करने का आदेश दिया था। कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक इन नोटबुक्स में करीब एक साल सिक्योरिटी हेड के रूप में व्हिसलब्लोअर के बिजनेस एसोसिएट्स के साथ नोट्स थे।
जैटको के खुलासे पर मस्क के वकीलों ने साधा निशाना
मस्क के वकील ने 10 अक्टूबर को कहा कि ट्विटर ने जैटको को चुप कराने की कोशिश की लेकिन यह सफल नहीं रही। हालांकि ट्विटर की यह कोशिश सफल रही कि जैटको ने जो तथ्य जुटाए थे, वह कभी सामने न आ सके। मस्क के इस आरोप पर अभी ट्विटर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मस्क ने ट्विटर के साथ 4400 करोड़ डॉलर के सौदे के बाद दावा किया था कि ट्विटर ने सभी जानकारियां साझा नहीं की है जिसके चलते वह सौदे पर आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसके बाद इसे मुद्दे को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है।
अब जैटको के खुलासे के बाद मस्क के वकील ने फिर ट्विटर पर निशाना साधा है। हालांकि 3 अक्टूबर को कोर्ट में ट्विटर और मस्क के बीच कानूनी लड़ाई को होल्ड पर रखा गया और सौदे को अंतिम रूप देने के लिए 28 अक्टूबर तक का समय दिया।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा तक पहुंची आंच
जैटको ने पिछले महीने सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी के सामने ट्विटर के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े किए। जैटको के मुताबिक ट्विटर जिस तरह से कंप्यूटर सिक्योरिटी को हैंडल करती है, वह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है। जैटको के मुताबिक सीईओ अग्रवाल से इसे लेकर उनका विवाद हो गया कि कंप्यूटर सिक्योरिटी से जुड़े गंभीर मुद्दे और प्राइवेसी से जुड़ी चिंता से सरकारी नियमों का उल्लंघन हो सकता है। वहीं ट्विटर का कहना है कि खराब काम के चलते जैटको को जनवरी में ही कंपनी से निकाल दिया गया था और उन्होंने कंपनी की प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी पॉलिसीज को गलत तरीके से पेश किया है।