यूक्रेन-रूस की लड़ाई (Russia-Ukraine Crisis) ने श्रीलंका की मुश्किल बढ़ा दी है। करीब 2.2 करोड़ आबादी वाले श्रीलंका की इकोनॉमी (Sri Lanka Economy) पहले से मुश्किल में थी। यूक्रेन क्राइसिस ने इसे और बढ़ा दिया है। श्रीलंका के लोग मुश्किल में हैं। रोजाना 6 से 7 घंटे तक बिजली कट रही है। गैस स्टेशन पर लोगों की लंबी लाइन लग रही है। रोजमर्रा तक की चीजें खरीदने में उन्हें दिक्कतें आ रही हैं।
इनफ्लेशन 15 फीसदी पर पहुंचा
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को सबसे ज्यादा चोट क्रूड की बढ़ती कीमत और पर्यटन से रेवेन्यू घटने से लगी है। वहां इनफ्लेशन 15 फीसदी पहुंच गया है, जो एशिया में सबसे ज्यादा है। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर सिर्फ 2 अरब डॉलर रह गया है। सरकार के सामने इस साल 7 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाने का चैलेंज है। अर्थव्यवस्था की हालत दिन-ब-दिन कमजोर हो रही है।
ज्यादातर चीजों का आयात करता है श्रीलंका
इस महीने गैस की कीमतें करीब 50 फीसदी बढ़ी हैं। फ्यूल की कमी से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। श्रीलंका अपनी जरूरत की कई चीजें आयात करने को मजबूर है। वह दवा से लेकर ऑयल तक का आयात करता है। उसके कुल आयात में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी पिछले साल दिसंबर में 20 फीसदी थी। एक साल पहले के मुकाबले क्रूड की कीमत 88 फीसदी बढ़ जाने से इकोनॉमी को चोट पहुंची है।
टूरिज्म से रेवेन्यू घटने से बढ़ी दिक्कत
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म का बड़ा हाथ है। 81 अरब डॉलर की इकोनॉमी वाले इस देश को टूरिज्म से 3.6 अरब डॉलर की कमाई होती है। इस देश में करीब 30 फीसदी पर्यटक रूस, यूक्रेन पोलैंड और बेलारूस से आते हैं। कोरोना की महामारी का टूरिज्म पर काफी असर पड़ा था। अब रूस-यूक्रेन की लड़ाई की वजह से टूरिज्म से होने वाली इनकम बहुत घट गई है।
देश पर 32 अरब डॉलर का कर्ज
श्रीलंका पर करीब 32 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। इस तरह श्रीलंका की सरकार के सामने दोहरी चुनौती है। एक तरफ उसे विदेशी कर्ज का पेमेंट करना है तो दूसरी तरफ अपने लोगों को मुश्किल से उबारना है। सरकार के सामने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से आर्थिक मदद लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। सिटीग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका की सरकार को विदेशी कर्ज को जुलाई तक रीस्ट्रक्चर करना होगा। इसकी वजह यह है कि जुलाई में 1 अरब डॉलर का कर्ज लौटाने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं।
सेंट्रल बैंक ने 300 चीजों का आयात रोकने की सलाह दी
श्रीलंका के सेंट्रल बैंक ने हालात से निपटने के लिए अपनी करेंसी की वैल्यू घटा दी है। उसने कर्ज पर इंट्रेस्ट रेट भी बढ़ा दिया है। सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजीत निवार्द काबराल ने करीब 300 गैर-जरूरी चीजों के आयात पर रोक लगाने की सलाह सरकार को दी है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेज से लेकर सेब तक शामिल हैं। उसने सरकार को फ्यूल के दाम बढ़ाने और बिजली महंगी करने को भी कहा है।
आईएमएफ से मदद लेने के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं
श्रीलंका ने अपनी इकोनॉमी को डूबने से बचाने के लिए इडिया और चाइना से हेल्थ मांगी थी। वह आईएमएफ से आर्थिक सहायता लेने से कतरा रहा था। क्रेडिट लाइन के लिए इंडिया और चाइना के साथ उसकी बातचीत चल रही थी। लेकिन यूक्रेन क्राइसिस के चलते बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है।