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US Fed Rate Cut: दरों में कटौती को लेकर कोई जल्दी नहीं, इस कारण अमेरिकी फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा ऐसा

US Fed Rate Cut: टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और इनफ्लेशन के चलते अमेरिकी फेड की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के ऐलान को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 11 फरवरी को कांग्रेस को संबोधित करते हुए यह संकेत अमेरिकी फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने फिर दिया। इससे पहले पिछली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) में भी उन्होंने ऐसा रुझान दिखाया था कि दरों में कटौती को लेकर फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 12, 2025 पर 9:12 AM
US Fed Rate Cut: दरों में कटौती को लेकर कोई जल्दी नहीं, इस कारण अमेरिकी फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा ऐसा
अमेरिकी फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी कांग्रेस को अपनी छमाही मॉनीटरी पॉलिसी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी फेड की नीति अब पहले से कहीं कम सख्त है और अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, ऐसे में अपनी नीति में बदलाव करने की जल्दी नहीं है।

US Fed Rate Cut: टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और इनफ्लेशन के चलते अमेरिकी फेड की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के ऐलान को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 11 फरवरी को कांग्रेस को संबोधित करते हुए यह संकेत अमेरिकी फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने फिर दिया। इससे पहले पिछली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) में भी उन्होंने ऐसा रुझान दिखाया था कि दरों में कटौती को लेकर फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं है। इसके चलते अमेरिकी 10-वर्षीय यील्ड 0.05 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी के साथ 4.55 फीसदी पर पहुंच गई। पिछले हफ्ते यह 4.38 फीसदी तक गिर गई थी।

नीतियों में फटाफट बदलाव से महंगाई पर नहीं रहेगा नियंत्रण

जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी कांग्रेस को अपनी छमाही मॉनीटरी पॉलिसी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी फेड की नीति अब पहले से कहीं कम सख्त है और अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, ऐसे में अपनी नीति में बदलाव करने की जल्दी नहीं है। उन्होंने कहा कि नीति में बहुत तेजी से या ज्यादा बदलाव लाने से महंगाई पर जो काम हो रहा है, उसमें रुकावट आ सकती है। अमेरिका में महंगाई बढ़ने की दर यानी इनफ्लेशन 2023 के हाई से तेजी से नीचे आई है लेकिन अभी भी यह फेड के 2 फीसदी के टारगेट के ऊपर बनी हुई है।

अमेरिकी फेड दरों में कटौती में इसलिए देरी कर रहा है क्योंकि समय से पहले ऐसा करने पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार उम्मीद से बेहतर रही है, साथ ही बेरोजगारी भी कम है। ऐसे में फेड की चिंता यह है कि दरों में जल्दीबाजी में कटौती से यह प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और अस्थिरता पैदा हो सकती है।

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