Liz Truss ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री होंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को हरा दिया है। वह ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर (Margaret Thatcher) का बड़ा प्रशंसक माना जाता है। बोरिस जॉनसन की सरकार में वह विदेश मंत्री थीं।
ट्रस ने बतौर विदेश मंत्री यूक्रेन पर रूस के हमलों के बाद उस पर प्रतिबंध लगाने में काफी सक्रियता दिखाई थीं। ब्रेग्जिट के बाद यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापार की शर्तें तय करने में भी भी उनकी भूमिका रही। बतौर विदेश मंत्री उनका प्रदर्शन मिलाजुला रहा।
ईरान में जेल में बंद दो ब्रिटिश नागरिकों की रिहाई में उनकी बड़ी भूमिका रही। इसके लिए उनकी काफी तारीफ हुई। लेकिन, यूरोपीय यूनियन के साथ ब्रिटेन के बेहतर रिश्तों की उम्मीद करने वाले यूरोपीय नेताओं को ट्रस से निराशा हुई।
जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी ट्रस के लिए कई चुनौतियां पेश करने वाली है। इनमें बढ़ता इनफ्लेशन, कमजोर होता पाउंड, ब्रेग्जिट का असर और यूरोपीय यूनियन के साथ रिश्ते अहम होंगे। दुनियाभर की निगाहें इस बात पर होंगी कि इन मसलों से निपटने में ट्रस कितना सफल रहती हैं।
ब्रिटेन के लिए हाई इनफ्लेशन अभी सबसे बड़ा प्रॉब्लम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर गैस के प्राइस में कमी नहीं आती है तो अगले साल की शुरुआत में इनफ्लेशन 20 फीसदी के लेवल को पार कर सकता है। गोल्डमैन सैक्स के इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि ब्रिटेन पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई ने आम लोगों के लिए कई समस्याएं खड़ी कर दी है। ब्रिटेन के एनर्जी रेगुलेटर ने एनर्जी पर लोगों का खर्च पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 80 फीसदी बढ़ जाने का अनुमान जताया है। ब्रिटेन के लोग महंगाई की समस्या का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं।
ब्रिटिश पाउंड में डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट आई है। यह 1985 के बाद डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इनवेस्टर्स को ब्रिटिश करेंसी में और गिरावट आने की आशंका है। नई प्रधानमंत्री को ब्रिटिश करेंसी की पुरानी साख लौटाने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद खाली पड़े पदों को भरना एक बड़ा चैलेंज रहा है। ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन में रहने वाले यूरोपीय देशों के नागरिकों की संख्या घटी है। 2019 के मुकाबले 2021 में यह संख्या 3,17,000 घटी है। यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापारिक रिश्तों में भी कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इससे दोनों के बीच व्यापार घटा है।
गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय यूनियन के नेताओं को ब्रिटेन की नई सरकार के साथ संबंधों में व्यापक सुधार आने की उम्मीद नहीं है। बेग्रजिट के बाद से दोनों के रिश्तों में काफी गिरावट आई है। ब्रिटेन का फोकस अपने लिए अलग नीतियां बनाने पर रहा है। ट्रस पर रिश्तों को सुधारने की जिम्मेदारी होगी।