1 October 2024 New Rules: अक्टूबर 2024 में पैसों से जुड़े कई नियमों में बदलाव आया है। सरकार की तरफ से किये गए नियमों में बदलाव बीमा पॉलिसियों, म्यूचुअल फंड टैक्सेशन और फाइनेंशियल एरिया पर पर सीधा असर डालेंगे। ये बदलाव सरकार और नियामक संस्थाओं की पारदर्शिता बढ़ाने और निवेशकों के लिए प्रोसेस को आसान बनाने के मकसद से किए गए हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।
1. पीपीएफ और छोटी बचत योजनाओं में बदलाव: अब एक नाबालिग के लिए सिर्फ एक पीपीएफ खाता खोला जा सकता है। अगर एक से अधिक खाते खोले गए हैं, तो उन्हें अनियमित माना जाएगा और उन पर 4% ब्याज ही मिलेगा। इसके अलावा, एनआरआई (प्रवासी भारतीय) के पीपीएफ खातों पर 1 अक्टूबर से ब्याज मिलना बंद हो जाएगा।
2. लोन के लिए अधिक पारदर्शिता: आरबीआई ने निर्देश दिया है कि 1 अक्टूबर से सभी बैंक और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) उधारकर्ताओं को Key Facts Statement (KFS) दें, जिसमें सभी शुल्क और शर्तें स्पष्ट रूप से दी जाएं। इससे उधारकर्ता को छिपे हुए खर्चों से बचने और वित्तीय समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
3. स्वास्थ्य बीमा में सुधार: स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए IRDAI ने प्री-एग्जिस्टिंग बीमारियों की प्रतीक्षा पीरियड 4 साल से घटाकर 3 साल कर दी है। साथ ही मोराटोरियम पीरियड अब 8 साल से घटाकर 5 साल कर दी गई है, जिससे बीमा धारक तेजी से क्लेम कर सकेंगे।
4. हाई सरेंडर वैल्यू: यदि जीवन बीमा पॉलिसीधारक अपनी एन्डोमेंट पॉलिसी जल्दी सरेंडर करते हैं, तो अब उन्हें पहले से अधिक राशि रिफंड मिलेगी। इससे पहले साल में भी आंशिक रिफंड तय किया गया है।
5. म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए राहत: म्यूचुअल फंड इकाइयों की दोबारा खरीदने पर अब 20% टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) नहीं लगेगा। इस बदलाव से म्यूचुअल फंड निवेशकों पर टैक्स का बोझ कम होगा।
6. डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना: सरकार ने Direct Tax Vivad Se Vishwas Scheme, 2024 शुरू की है, जिससे टैक्स विवादों का तुरंत समाधान किया जा सकेगा। टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर से पहले अपने टैक्स से जुड़े पुराने मामले या सही इनकम का ऐलान कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
7. शेयर बायबैक टैक्सेशन में बदलाव: अब से कंपनियों के शेयर बायबैक से मिलने वाले अमाउंट पर टैक्स निवेशकों को डिविडेंड इनकम के रूप में देना होगा। इससे ज्यादा इनकम केटेगरी में आने वाले निवेशकों पर असर पड़ेगा।
8. बोनस शेयर: SEBI ने बोनस शेयरों के ट्रेडिंग समय को 2 हफ्तों से घटाकर 2 दिन कर दिया है, जिससे निवेशक तेजी से ट्रेड कर सकेंगे।