8वें वेतन आयोग में कैसे तय होगी सैलरी? क्या 1 जनवरी 2028 से लागू होगा नया सैलरी स्ट्रक्चर

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग की शर्तों यानी टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रंजन देशाई को आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है

अपडेटेड Oct 30, 2025 पर 3:26 PM
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8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग की शर्तों यानी टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है।

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग की शर्तों यानी टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रंजन देशाई को आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। अब आयोग अगले 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे बाद में केंद्रीय कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

जब भी कोई वेतन आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपता है, तो सरकार उसे मंजूर करते समय फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) भी तय करती है। यह वही संख्या होती है जिसके जरिए कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन में बढ़ोतरी तय होती है। ये मल्टीप्लयार की तरह काम करता है।

8वें वेतन आयोग से जुड़े अहम सवाल


फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?

फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीप्लायर है जिससे पुराने वेतन आयोग की बेसिक सैलरी (Basic Pay) को गुणा करके नई बेसिक सैलरी निकाली जाती है। उदाहरण के लिए 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। यानी यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 35,000 रुपये थी, तो नई बेसिक सैलरी 35,000 × 2.57 = 89,950 रुपये हो गई।

अब 8वें वेतन आयोग में यही फिटमेंट फैक्टर 2.0 से 2.5 के बीच रहने की संभावना है।

कैसे तय होती है सैलरी?

फिटमेंट फैक्टर को पिछले वेतन आयोग की बेसिक सैलरी से गुणा करने पर नई सैलरी तय होती है। जैसे अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 35,000 रुपये है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 तय होता है, तो नई बेसिक सैलरी 35,000 × 2.11 = 73,850 रुपये होगी।

इसके साथ ही HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस और DA यानी महंगाई भत्ता जैसे भत्ते भी बेसिक सैलरी के आधार पर बढ़ जाते हैं।

क्या DA फिटमेंट फैक्टर से तय होता है?

DA सीधे फिटमेंट फैक्टर तय नहीं करता, लेकिन तय करने में भूमिका निभाता है। अगर इस समय महंगाई भत्ता 58% है और अगले दो साल तक इसमें औसतन 12% की और बढ़ोतरी हो सकती है, तो तब यह 70% तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, सरकार पिछले सालों के वेतन बढ़ोतरी आंकड़ों और फैमिली यूनिट को भी ध्यान में रखती है।

पिछली बार 3 फैमिली यूनिट्स का हिसाब लगाया गया था, जो इस बार 4 हो सकता है। ऐसे में लगभग 13% की अतिरिक्त बढ़ोतरी और जुड़ सकती है। इन सब आंकड़ों को जोड़कर ही नया फिटमेंट फैक्टर तय होता है।

क्या सैलरी दोगुनी हो जाएगी?

फिटमेंट फैक्टर का असर केवल बेसिक सैलरी और HRA पर होता है, जबकि नए वेतन आयोग के लागू होते ही DA फिर से 0% से शुरू हो जाता है। इसलिए कुल मिलाकर सैलरी में 20-25% तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, लेकिन यह दोगुनी नहीं होगी।

क्या सभी कर्मचारियों के लिए एक ही फिटमेंट फैक्टर रहेगा?

7वें वेतन आयोग में सभी कर्मचारियों के लिए एक समान 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। नए आयोग में भी सरकार ऐसा ही आसान तरीका अपना सकती है ताकि सैलरी स्ट्रक्चर मुश्किल न हो। हालांकि, कम ग्रेड (Lower Pay Levels) वाले कर्मचारियों के लिए थोड़ा ज्यादा फिटमेंट फैक्टर रखा जा सकता है। फिलहाल, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के 18 पे लेवल्स तय हैं।

अगर 2.0 फिटमेंट फैक्टर लागू हुआ तो क्या होगी सैलरी?

अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी अभी 50,000 रुपये है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है, तो नई सैलरी होगी 50,000 × 2.0 = 1,00,000 रुपये होगी। इसके बाद इसमें हाउस रेंट अलाउंस और डीए आदि भत्ते जुड़ेंगे।

कब आएगी 8वें वेतन आयोग कि रिपोर्ट

अब 8वें वेतन आयोग ने काम शुरू कर दिया है, तो उम्मीद है कि 2027 की शुरुआत तक रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। वैसे भी कैबिनेट ने कहा है कि आयोग 18 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर नई सैलरी और पेंशन 1 जनवरी 2028 से लागू हो सकता है।

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