8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों में 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर डिमांड बढ़ती जा रही है। 7वें वेतन आयोग को लागू हुए करीब 9 साल हो चुके हैं और अब नए वेतन आयोग के गठन की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने किया था। इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुईं। यह आयोग जनवरी 2026 में 10 साल पूरे करेगा। अगर पिछले सालों का रिकॉर्ड देखें तो हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। हालांकि, 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी हो रही है।
नया वेतन आयोग आने से क्या होगा फायदा
वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार के लिए जिम्मेदार होता है। यह सभी पक्षों से चर्चा कर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपता है। 8वें वेतन आयोग को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इसका गठन जल्द हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर की है अहम भूमिका
कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हुआ। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने की उम्मीद है। अगर यह लागू हुआ, तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो जाएगा। इसी तरह, पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 हो सकती है।
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे से मुलाकात कर 8वें वेतन आयोग के शीघ्र गठन की मांग की। इस संस्था ने दो ज्ञापन सौंपे हैं। पहला ज्ञापन जुलाई 2024 में तत्कालीन कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को और दूसरा अगस्त 2024 में उनके उत्तराधिकारी टीवी सोमनाथन को सौंपा गया।
2024-25 के केंद्रीय बजट से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर सकती है। लेकिन अब तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
कर्मचारियों को क्या उम्मीदें हैं?
अगर 8वें वेतन आयोग का गठन होता है, तो लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। बढ़ी हुई पेंशन और वेतन से उन्हें महंगाई से निपटने में मदद मिलेगी। अब सभी को सरकार की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।