8th Pay Commission: केंद्र सरकार द्वारा 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की घोषणा को छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इस देरी ने कर्मचारियों और अफसरों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
8th Pay Commission: केंद्र सरकार द्वारा 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की घोषणा को छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इस देरी ने कर्मचारियों और अफसरों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का इंतजार लंबा हो सकता है। दरअसल, टर्म्स ऑफ रेफरेंस और आयोग के सदस्यों की घोषणा से पहले ही एक और अड़चन सामने आई है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने आयोग के तहत चार अंडर सेक्रेटरी पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि तीसरी बार बढ़ा दी है।
DoPT का क्या कहना है?
DoPT ने 3 जुलाई 2025 को जारी नोटिस में कहा कि इन पदों के लिए अब आवेदन 31 जुलाई तक स्वीकार किए जाएंगे। इससे पहले मई और जून में भी डेडलाइन दो बार बढ़ाई जा चुकी है। इससे संकेत मिलता है कि अब तक विभाग को पर्याप्त योग्य उम्मीदवार नहीं मिले हैं।
अप्रैल से शुरू हुई थी प्रक्रिया
DoPT ने 22 अप्रैल 2025 को एक सर्कुलर जारी कर आयोग के तहत चार अंडर सेक्रेटरी (लेवल-11) पदों को डेप्युटेशन पर भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। ये नियुक्तियां वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (Department of Expenditure) के तहत की जाएंगी और केंद्रीय स्टाफिंग योजना के नियमों के अनुरूप होंगी।
कौन कर सकता है आवेदन?
इन पदों के लिए ऑल इंडिया सर्विसेज या केंद्र सरकार की किसी भी संगठित ग्रुप 'A' सेवा से जुड़े वे अधिकारी आवेदन कर सकते हैं, जो केंद्रीय स्टाफिंग स्कीम के तहत अंडर सेक्रेटरी लेवल के लिए पात्र हों। चयनित अधिकारियों की नियुक्ति 8वें वेतन आयोग की पूरी अवधि तक प्रभावी रहेगी।
जनवरी 2026 की समयसीमा खतरे में
दरअसल, मौजूदा 7वां वेतन आयोग इसी साल खत्म हो रहा है, और 8वां आयोग उसे रिप्लेस करने के लिए प्रस्तावित था। लेकिन अब तक न तो टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी हुए हैं और न ही अध्यक्ष या अन्य सदस्यों के नाम घोषित किए गए हैं। इससे संभावना है कि जनवरी 2026 तक वेतन बढ़ोतरी लागू करने की समयसीमा मिस हो सकती है।
क्या पिछली बार भी ऐसा हुआ था?
7वें वेतन आयोग की अधिसूचना 25 सितंबर 2013 को जारी हुई थी और इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस 28 फरवरी 2014 को आए थे यानी 156 दिनों में। अब अगर 8वें वेतन आयोग की बात करें, तो 16 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके गठन की घोषणा की थी। लेकिन 1 जुलाई 2025 तक यानी 160 से ज्यादा दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस अपडेट नहीं आया है।
अधिकारियों और कर्मचारियों की चिंता बढ़ी
इस देरी को लेकर कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों में असमंजस की स्थिति है। हाल ही में एनसी जेसीएम (NC-JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्टाफ साइड की ओर से सुझाव पहले ही सौंपे जा चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ‘समय पर संवाद’ नहीं हो रहा।
क्या था सरकार का वादा?
जनवरी में सरकार ने कहा था कि जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और दो अन्य सदस्यों के नाम घोषित किए जाएंगे, लेकिन जुलाई तक कोई आधिकारिक सर्कुलर नहीं आया है। मिश्रा के पत्र में कहा गया है कि इस 'अनिश्चितता' के कारण हितधारकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
क्या फरवरी तक हो जाना था गठन?
पत्र में ये भी उल्लेख किया गया है कि 8वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2025 तक हो जाना चाहिए था, ताकि जनवरी 2026 की समयसीमा के अनुसार रिपोर्ट लागू की जा सके। अब सवाल उठता है- क्या सरकार इस समयसीमा तक वेतन बढ़ोतरी की व्यवस्था कर पाएगी?
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