वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को यूनियन बजट में इनकम टैक्स की नई रीजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान किया। इसका मकसद टैक्सपेयर्स को राहत देना और टैक्सपेयर्स को इस रीजीम के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना है। वित्तमंत्री ने नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ाने का ऐलान किया। उन्होंने यह भी कहा कि अब इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ रही है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ज्यादा टैक्सपेयर्स नई रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। सवाल है कि बजट में नई रीजीम में बदलाव के ऐलान के बाद इनकम टैक्स की कौन सी रीजीम आपके लिए फायदेमंद है?
इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना है। 3 से 7 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी, 7 से 10 लाख रुपये तक इनकम पर 10 फीसदी, 10 से 12 लाख रुपये तक इनकम पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। इसके अलावा जिन लोगों की सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है वे सेक्शन 87ए के तहत 25,000 रुपये तक का रिबेट क्लेम कर सकते हैं।
बजट में ओल्ड रीजीम में कोई बदलाव नहीं
वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया। ओल्ड रीजीम में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्स नहीं लगता है। 2.5 से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स है। 5 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स है और 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स है। ओल्ड टैक्स सिस्टम में 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स सेक्शन 87ए के तहत 12,500 रुपये का रिबेट क्लेम कर सकते हैं।
ओल्ड रीजीम और नई रीजीम में से कौन आपके लिए बेहतर है? इस सवाल का जवाब टैक्सपेयर के हिसाब से अलग-अलग है। बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि बजट में नई टैक्स रीजीम में बदलाव के बाद अब ओल्ड टैक्स रीजीम में रहने का मतलब नहीं रह गया है। ओल्ड रीजीम में भले ही डिडक्शन और एग्जेम्प्शन मिलता है लेकिन इनकम टैक्स के रेट्स काफी ज्यादा हैं। ओल्ड रीजीम में टैक्स लायबिलिटी घटाने के लिए काफी ज्यादा डिडक्शन जरूरी है।
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डिडक्शन क्लेम नहीं करने वालों के लिए नई रीजीम फायदेमंद
अगर किसी टैक्सपेयर की इनकम 15.6 लाख रुपये है तो नई टैक्स रीजीम के टैक्स रेट के बराबर टैक्स चुकाने के लिए उसे कम से कम 4.84 लाख रुपये का डिडक्शन क्लेम करना होगा। शेट्टी ने कहा कि जिन लोगों की इनकम कम है उनके लिए नई रीजीम ज्यादा फायदेमंद है। इसमें 7.5 लाख रुपये तक की सालाना इनमक वाले टैक्सपेयर्स को जीरो टैक्स चुकाना पड़ता है। ओल्ड रीजीम में 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स का ही टैक्स जीरो होता है।