गुरुग्राम के कारोबारी अंकुर वारिकू ने सोशल मीडिया पर अपने ड्राइवर की सैलरी और सुविधाओं का खुलासा किया। इसके बाद पूरा इंटरनेट हैरान हो गया। जहां कुछ लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं कि उन्होंने ड्राइवर को परिवार जैसा सम्मान दिया, वहीं कई यूजर्स पूछ रहे हैं कि इतनी जिम्मेदारियों वाले व्यक्ति को क्या इससे ज्यादा नहीं मिलना चाहिए? एक साधारण-सी पोस्ट ने अचानक पूरे देश में ड्राइवरों की सैलरी को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है।
अंकुर वारिकू ने क्या बताया?
वारिकू ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उनके ड्राइवर, दयानंद भइया, अब 53,350 रुपये मंथली कमाते हैं। यह सैलरी उन्हें सालाना इंक्रीमेंट के बाद मिली है। इसके अलावा उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस, एक महीने का दिवाली बोनस और इस साल नया स्कूटर गिफ्ट में दिया गया है।
उन्होंने बताया कि दयानंद 13 साल पहले उनके साथ 15,000 रुपये की सैलरी पर जुड़े थे और तब से वह सिर्फ ड्राइवर नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा बन गए हैं। उनके तीनों बच्चे अब अच्छे कामों में सेटल हैं और परिवार खुशहाल जीवन जी रहा है। वारिकू ने यह भी लिखा कि दयानंद बेहद अनुशासित हैं, हर दिन सुबह 4-30 बजे उठते हैं, रात 8-30 बजे सो जाते हैं, कभी देर नहीं करते और हमेशा मुस्कुराते रहते हैं।
वारिकू ने बताया कि वह दयानंद पर इतना भरोसा करते हैं कि वह उनके बच्चों को क्लासेस में ले जाते हैं, उनके घर की डुप्लीकेट चाबियां रखते हैं, उनके ATM PIN जानते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले 5–6 साल में वह दयानंद की सैलरी 1 लाख रुपये मंथली तक ले जाना चाहते हैं। एक तरफ कई लोग वारिकू की तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग कह रहे हैं कि 13 साल की सर्विस के बाद 53,000 रुपये कम है।
कुछ यूजर्स ने लिखा कि 35–45 हजार तो मुंबई में ड्राइवर की पगार है, यह क्या दिखावा है? एक ने लिखा कि 13 साल में औसतन 4,000 रुपये प्रति साल का इंक्रीमेंट? यह उदारता है? एक और ने लिखा कि इतना जिम्मेदार काम देने के लिए कम से कम 2.5 लाख रुपये मिलना चाहिए।
कोलकाता- 12,000–15,800 रुपये
चेन्नई- 15,000–25,000 रुपये (अनुभवी ड्राइवर को 45,000 रुपये तक)
जयपुर/लखनऊ- 8,000–20,000 रुपये
पुणे- 11,500–32,000 रुपये
टीयर-1 शहरों में ड्राइवरों की सैलरी, टीयर-2 शहरों से 30–70% ज्यादा होती है।