Swiggy, Uber जैसी कंपनियों के लिए नया नियम, वर्कर्स वेल्फेयर फंड में करना होगा टर्नओवर का 1-2 % तक कंट्रिब्यूशन

एग्रीगेटर्स को अपने सालाना टर्नओवर का 1-2 फीसदी गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के वेल्फेयर फंड में करना होगा। नए लेबर कोड में 'गिग वर्कर्स', 'प्लेटफॉर्म वर्कर' और 'एग्रीगेटर' की परिभाषा भी तय कर दी गई है। नए नियम में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को आधार से लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) इश्यू किए जाएंगे

अपडेटेड Nov 21, 2025 पर 8:31 PM
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कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों ने पहले से ऐसे वेल्फेयर फ्रेमवर्क बनाए हैं।

नए लेबर कोड लागू होने से स्विगी, उबर जैसी कंपनियों के वर्कर्स की स्थिति बेहतर होने के आसार हैं। एग्रीगेटर्स को अपने सालाना टर्नओवर का 1-2 फीसदी गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के वेल्फेयर फंड में करना होगा। यह प्रावधान नए लेबर कोड्स में है। सरकार ने चार नए लेबर कोड्स 21 नवंबर को लागू कर दिए।

गिग वर्कर्स की नई परिभाषा

नए लेबर कोड में 'गिग वर्कर्स', 'प्लेटफॉर्म वर्कर' और 'एग्रीगेटर' की परिभाषा भी तय कर दी गई है। नए नियम में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को आधार से लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) इश्यू किए जाएंगे। इस नबंर के जरिए वर्कर्स वेल्फेयर स्कीम का फायदा उठा सकेंगे। वर्कर्स अगर एक राज्य को छोड़ दूसरे राज्य में काम के लिए जाते हैं तो उन्हें यूएएन के जरिए नए राज्य में भी वेल्फेयर स्कीम के फायदे मिलेंगे।


गिग वर्कर्स को मिलेंगी कई सुविधाएं

सोशल सिक्योरिटी, 2020 के कोड में गिग वर्कर्स को ऐसे इंडिविजुअल के रूप में परिभाषित किया गया है, जो ट्रेडिशनल एंप्लॉयर-एंप्लॉयी सेटअप के बाहर काम करते हैं और पैसे कमाते हैं। ये गिग वर्कर्स अब हेल्थकेयर, एक्सिडेंट कवर, मैटरनिटी बेनेफिट्स और ओल्ड-एज प्रोटेक्शन जैसे सोशल बेनेफिट्स के हकदार होंगे। इस गिग वर्कर्स के हित में सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है।

16 साल से ज्यादा उम्र के वर्कर्स का रिजस्ट्रेशन

नेशनल सोशल सिक्योरिटी बोर्ड को इस काम में सरकार को सलाह देने को कहा गया है। साथ ही बोर्ड असंगठित, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए स्कीम बनाएगी और उसकी मॉनटरिंग करेगी। वह राज्यों के स्तर पर फंड के यूटिलाइजेशन सहित रिकॉर्ड्स को रिव्यू करेगी। 16 साल से ज्यादा उम्र के गिग वर्कर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। यह सेल्फ-डिक्लेरेशन और आधार के इस्तेमाल से होगा। सरकार गिग वर्कर्स की मदद के लिए हेल्पलाइन भी शुरू करेगी। हेल्पलाइन रजिस्ट्रेशन और इनरॉलमेंट में उनकी मदद करेगी।

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कर्नाटक और तेलंगाना पहले बना चुके हैं फ्रेमवर्क

कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों ने पहले से ऐसे वेल्फेयर फ्रेमवर्क बनाए हैं। कर्नाटक ने 12 सितंबर को कर्नाटक प्लेटफॉर्म-बेस्ड गिग वर्कर्स (सोशल सिक्योरिटी एंड वेल्फेयर) एक्ट, 2025 को नोटिफाय किया था। इस एक्ट के तहत एग्रीगेटर्स प्लेटफॉर्स की तरफ से गिग वर्कर्स को होने वाले हर ट्रांजेक्शन पर 1-5 फीसदी की वेल्फेयर फी लगती है।

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