जीवन बीमा पॉलिसी लेने वाले कई लोग इसके बोनस के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते। जीवन बीमा पॉलिसी बोनस वह अतिरिक्त राशि होती है जो बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसीधारक को कंपनी के मुनाफे और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है। यह बोनस आपकी मूल बीमा राशि के अतिरिक्त होता है और पॉलिसी की मैच्योरिटी या क्लेम समय मिलता है।
जब आप जीवन बीमा कंपनी को प्रीमियम जमा करते हैं, तो कंपनी वह राशि विभिन्न निवेशों जैसे बॉन्ड, शेयर आदि में लगाती है। अगर कंपनी को अच्छा मुनाफा होता है, क्लेम कम होते हैं और खर्च नियंत्रित रहता है, तो कंपनी अपने मुनाफे का हिस्सा पॉलिसीधारकों को बोनस के रूप में देती है। इसका मतलब है कि बोनस कंपनी के सालाना वित्तीय प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
1. सालाना बोनस: यह बोनस प्रति वर्ष आपकी बीमा राशि में जोड़ा जाता है, लेकिन इस बोनस पर बोनस नहीं मिलता।
2. कंपाउंड रिवर्शनरी बोनस: इस बोनस में हर साल मिलने वाला बोनस आपकी बीमा राशि में जुड़ता जाता है और अगले वर्ष उस बढ़ी राशि पर बोनस की गणना होती है।
3. नकद बोनस: यह बोनस आपको सालाना नकद मिल सकता है, लेकिन यह आपकी मूल बीमा राशि में नहीं जुड़ता।
4. फाइनल बोनस: यह लंबी अवधि तक पॉलिसी चलने पर मिलने वाला एक अंतिम बोनस होता है।
बोनस किस पॉलिसी पर मिलता है?
सिर्फ उन्हीं पॉलिसियों में बोनस मिलता है जो 'पार्टिसिपेटिंग' पॉलिसी कहलाती हैं। टर्म इंश्योरेंस प्लान्स में आमतौर पर बोनस का प्रावधान नहीं होता। बोनस आपकी पॉलिसी की कुल कवर राशि को बढ़ाता है और मैच्योरिटी के समय या मृत्यु के वक्त अतिरिक्त लाभ के रूप में आपकी वित्तीय सुरक्षा को बेहतर बनाता है।
बोनस मिलने से आपकी बीमा राशि बढ़ जाती है, जिससे आपको मैच्योरिटी पर या क्लेम के वक्त अतिरिक्त पैसा मिलता है। यह बोनस आपके निवेश के लिए बैकअप फंड की तरह काम करता है और आपकी रकम की सुरक्षा बढ़ाता है। हालांकि ध्यान रखें कि बोनस गारंटीड नहीं होता, यह कंपनी के लाभ और प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
जीवन बीमा पॉलिसी बोनस आपके निवेश में अतिरिक्त मूल्य जोड़ता है और आपकी वित्तीय सुरक्षा को मजबूत बनाता है। इसलिए बीमा पॉलिसी लेते समय यह समझना जरूरी है कि आपकी पॉलिसी किस प्रकार की है और उसमें बोनस मिलने की संभावना कितनी है। सही जानकारी और समझ के साथ आप अपने निवेश का बेहतर लाभ उठा सकते हैं।