5% नियम – डाउन पेमेंट का न्यूनतम हिस्सा
घर की कुल कीमत का कम से कम 5% पर्सनल फंड के रूप में रखना चाहिए। उदाहरण के लिए, 50 लाख रुपये के घर पर कम से कम 2.5 लाख रुपये नकद होने चाहिए। हालांकि बैंक 20% डाउन पेमेंट की मांग करते हैं, लेकिन यह न्यूनतम राशि है।
20% नियम – लोन की सीमा
होम लोन की राशि घर की कीमत के 80% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यदि घर की कीमत 50 लाख रुपये है, तो लोन 40 लाख रुपये से ऊपर नहीं होना चाहिए जिससे ब्याज का बोझ कम होगा।
3 गुना नियम – घर की कीमत और वार्षिक आय का अनुपात
घर की कीमत आपकी सालाना आय के तीन गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। जैसे यदि आपकी आय 15 लाख रुपये है तो 45 लाख रुपये तक का घर लेना फायदे वाला और सुरक्षित माना जाता है।
40% नियम – EMI का मासिक आय अनुपात
आपकी मासिक EMI आपकी मासिक आय का 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मान लीजिए आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है तो EMI 40,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए ताकि बाकी खर्च और बचत पर असर न पड़े।
वित्तीय संतुलन बनाए रखना जरूरी
यह नियम आपको वित्तीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जिससे आप घर खरीदते समय आर्थिक दबाव में न आएं। सही योजना से आप अपने कर्ज का भुगतान भी आसानी से कर पाएंगे।
रिपेमेंट और बचत को संतुलित करें
EMI पर अधिक बोझ डालने से बचें। सही डाउन पेमेंट करें और अपनी बजट योजना के अनुसार कर्ज लें जिससे रिपेमेंट में परेशानी न हो।
लचीलेपन के साथ नियम अपनाएं
हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अलग होती है, इसलिए इस नियम को अपने जीवनशैली और बजट के अनुसार थोड़ा कस्टमाइज करें। जरूरत पड़े तो क्लियर योजना बनाएं।
5-20-3-40 का नियम आपके लिए एक स्मार्ट गाइड है जो आपको घर लेने में आर्थिक जोखिम से बचाता है और सही वित्तीय फैसले लेने में मदद करता है।