Bank Of Baroda: त्योहारी सीजन से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत दी है। बैंक ने अपनी MCLR दरों में कटौती की है, जिससे होम लोन और पर्सनल लोन लेने वालों की EMI कम हो सकती है। ओवरनाइट और तीन महीने की दरें घटाई गई हैं। जबकि एक साल की दर जो ज्यादातर होम और ऑटो लोन के लिए अहम होती है, उसमें बदलाव नहीं किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने बुधवार को जानकारी दी कि उसने ओवरनाइट MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लैंडिंग रेट में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब यह दर 7.85% होगी और यह बदलाव 12 सितंबर से लागू होगा।
बैंक ने तीन महीने के MCLR को भी घटाकर 8.20% कर दिया है, यानी इसमें 15 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। हालांकि, एक महीने का MCLR (7.95%) और छह महीने का MCLR (8.65%) जस का तस रखा गया है। सबसे अहम बात यह है कि एक साल का MCLR, जो होम लोन और ऑटो लोन के लिए बेंचमार्क माना जाता है। उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह 8.80% पर ही बना रहेगा।
MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिसके नीचे बैंक लोन नहीं दे सकते। सिवाय उन मामलों में जिनकी इजाजत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दी हो। इसे अप्रैल 2016 में बेस रेट सिस्टम की जगह लागू किया गया था ताकि RBI की नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव का असर सीधे और तेजी से ग्राहकों तक पहुंचे।
MCLR का कैलकुलेशन कई कारणों पर निर्भर करता है। जैसे बैंक का डिपॉजिट लेने का खर्च फंड की लागत, कैश रिजर्व रेशो (CRR) पर होने वाला खर्च, ऑपरेटिंग कॉस्ट और ट्रेनर प्रीमियम लोन का पीरियड और रिस्क से जुड़ा एक्स्ट्रा चार्ज।
अगर बैंक MCLR घटाता है तो फ्लोटिंग रेट वाले लोन की EMI भी कम हो जाती है, जिससे लोन लेना सस्ता हो जाता है। वहीं, MCLR बढ़ने पर EMI भी बढ़ती है। इस तरह MCLR में बदलाव सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब और उनकी मंथली किश्तों पर पड़ता है।