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MC Explains| UP सहित छह राज्यों के 17 कोऑपरेटिव बैंकों के डिपॉजिटर्स को DICGC से मिलेगा पैसा

RBI ने इन 17 कोऑपरेटिव बैंकों के ग्राहकों के बैंक अकाउंट से अपना पैसा निकालने पर रोक लगाई है। उसने जुलाई में यह रोक लगाई थी। केंद्रीय बैंक ने इन कोऑपरेटिव बैंकों की बिगड़ती आर्थिक हालत को देखते हुए यह आदेश दिया था

अपडेटेड Aug 25, 2022 पर 9:50 AM
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सभी कमर्शियल बैंक, इंडिया में विदेशी बैंकों की शाखाएं, लोकल एरिया बैंक और रीजनल रूरल बैंक के डिपॉजिटर्स डीआईसीजीसी के तहत आते हैं।

DICGC ने कहा है कि वह 17 कोऑपरेटिव बैंकों के डिपॉजिटर्स को पेमेंट करेगा। इसमें महाराष्ट्र के 8 कोऑपरेटिव बैंक शामिल हैं। डिपॉजिटर्स को अक्टूबर में मिलेगा पैसा। इसका ऐलान डीआईसीजीसी (The Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) ने 1 अगस्त को किया था। डिपॉजिटर्स को कितना पैसा मिलेगा, डिपॉजिटर्स को इस पेमेंट की जरूरत क्यों पड़ी, डीआईसीजीसी के दायरे में कौन-कौन बैंक आते हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

डिपॉजिटर्स को कितने पैसे मिलेंगे?

डीआईसीजीसी RBI की सब्सिडियरी है। यह बैंक डिपॉजिट पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर देती है। उसने कहा है कि शर्तें पूरी करने वाले डिपॉजिटर्स को पेमेंट पाने के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ लिखित में सहमति देनी होगी। इसके बाद उन्हें उनके अकाउंट में पड़े पैसे का पेमेंट किया जाएगा। मैक्सिमम पेमेंट 5 लाख रुपये तक होगा। डिपॉजिटर्स को उस बैंक अकाउंट की डिटेल भी देनी होगी, जिसमें वे पैसा पाना चाहते हैं।


डिपॉजिटर्स को पेमेंट करने की जरूरत क्यों पड़ी?

RBI ने इन 17 कोऑपरेटिव बैंकों के ग्राहकों के बैंक अकाउंट से अपना पैसा निकालने पर रोक लगाई है। उसने जुलाई में यह रोक लगाई थी। केंद्रीय बैंक ने इन कोऑपरेटिव बैंकों की बिगड़ती आर्थिक हालत को देखते हुए यह आदेश दिया था।

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DICGC के तहत किन बैंकों के डिपॉजिटर्स आते हैं?

सभी कमर्शियल बैंक, इंडिया में विदेशी बैंकों की शाखाएं, लोकल एरिया बैंक और रीजनल रूरल बैंक के डिपॉजिटर्स डीआईसीजीसी के तहत आते हैं। डीआईसीजीसी ने पहले भी कई कोऑपरेटिव बैंकों के डिपॉजिटर्स को पैसे लौटाए हैं।

इस बार 17 कोऑपरेटिव बैंकों मे 8 महाराष्ट्र के, चार उत्तर प्रदेश के, 2 कर्नाटक के और 1-1 दिल्ली, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के हैं।

डिपॉजिटर्स का क्या कहना है?

बैंक डिपॉजिटर्स प्रोटेक्शन एंड वेल्फेयर सोसायटी (BDPWS) के सदस्यों का कहना है कि डीआईसीजीसी के इस पेमेंट से डिपॉजिटर्स को ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। बीडीपीडब्ल्यूएस के सेक्रेटरी विश्वास उटागी ने कहा कि डिपॉजिटर्स के साथ धोखा हो रहा है, क्योंकि उन्हें अपने पूरे पैसे नहीं मिल रहे हैं। इसका अलावा बैंकों को डूबने से बचाने की कोशिश भी नहीं हो रही है।

कई डिपॉजिटर्स का कहना है कि ऐसे कई ग्राहकों को नुकसान उठाना पड़ेगा, जिनके बैंक अकाउंट्स में 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा है।

उटागी ने कहा, "डीआईसीजीसी हर बैंक से प्रति 100 रुपये के डिपॉजिट पर 12 पैसे का प्रीमियम लेती है। लेकिन, 100 फीसदी डिपॉजिट अमाउंट के बजाय सिर्फ 5 लाख रुपये तक लौटाए जाते हैं। सवाल यह है कि उनका क्या होगा जिनके बैंक अकाउंट में 5 लाख रुपये से ज्यादा डिपॉजिट हैं।"

MoneyControl News

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First Published: Aug 25, 2022 9:46 AM

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