रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों के लिए एक खास 100 दिन 100 भुगतान प्रोग्राम का ऐलान किया है। इस प्रोग्राम को खास तौर पर इस बैंकों में लावारिस पड़े पैसों यानी अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जानकारी हासिल करने और निपटान करने के लिए शुरू किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 12 मई को 100 दिन 100 भुगतान अभियान का ऐलान किया। इसके तहत 100 दिनों के भीतर भीतर भारत के हर एक जिले में हर एक बैंक में जमा 100 लावारिस डिपॉजिट रकम का पता लगा कर उनको निपटाया जाएगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने इस अभियान के बारे में कहा है कि इस तरीके से बैंकिंग सिस्टम में लावारिस जमा की मात्रा को कम करने और इश तरह की जमा राशि को उनके सही मालिकों या फिर दावेदारों तक पहुंचाया जा सकेगा। बता दें कि अनक्लेम्ड डिपॉजिट उसे कहा जाता है जिसमें 10 साल या उससे भी ज्यादा के वक्त से किसी भी तरह का कोई विड्रॉल या फिर ट्रांजैक्शन ना किया गया हो। इसे एक तरह का इनएक्टिव डिपॉजिट माना जाता है।
बनाया गया है एक सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने 6 अप्रैल को अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल की शुरुआत की थी। फिलहाल 10 साल से ज्यादा समय वाले अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए कई सारे बैंकों की वेबसाइट से होकर गुजरना पड़ता है। शक्तिकांत दास ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की पहली मॉनिट्री पॉलिसी कमेटी बैठक के नतीजों को जारी करते हुए कहा था कि आरबीआई की इस पहल से जमाकर्ताओं को बैंक में जमा उनका पैसा वापस पाने में सहायता मिलेगी।
बैंकों के पास कम हुआ है अनक्लेम्ड डिपॉजिट
सरकार के पास से मिले आंकड़ों से यह पता चलता है कि हाल ही में बैंकों के पास पड़े अनक्लेम्ड डिपॉजिट में कमी आई है। यह एक साल पहले तक 48,262 करोड़ रुपये के स्तर पर था जो कि अब घट कर 35,012 करोड़ रुपये रह गया है।