RBI Sanjay Malhotra: भारतीय नोटों पर बदल जाएंगे हस्तारक्षर, जानिए गवर्नर के साइन क्यों जरूरी हैं
RBI Governor Sign on Indian Currency: आरबीआई की तरफ से जारी हर नोट पर गवर्नर के साइन होते हैं। जल्द ही आरबीआई की तरफ से जारी होने वाले नोटों में नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के साइन नजर आएंगे। संजय मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर होंगे। वो राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले हैं
RBI Governor Sign on Indian Currency: संजय मल्होत्रा 33 साल के अपने करियर में बिजली, फाइनेंस और टैक्सेशन, IT, खनन जैसे सेक्टर में काम किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश का केंद्रीय बैंक है। इसे सभी बैंकों का बैंक भी कहते हैं। देश की इकोनॉमिक मैकानिज्म को RBI हैंडल करती है। इसकी पॉलिसी को मॉनिटरी पॉलिसी कहते हैं। RBI का मुख्य काम देश के लिए मॉनिटरी पॉलिसी बनाना, बैंकों के लिए रेपो रेट और रिजर्व रेपो रेट तय करना और नोट छापना है। इस बीच अब देश की नोटों में हस्ताक्षर बदल जाएंगे। इन नोटों पर हस्ताक्षर राजस्थान के बीकानेर के लाल संजय मल्होत्रा करेंगे। दरअसल, आईएएस संजय मल्होत्रा को सरकार ने आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। वो अपना पद भी संभाल चुके हैं।
संजय मल्होत्रा ने शक्तिकांत दास की जगह ली है। उनका कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो गया था। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के माध्यम से करेंसी मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपा गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 22, रिजर्व बैंक को नोट जारी करने का अधिकार मिला हुआ है।
जानिए कौन हैं संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। उन्होंने IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। 33 साल के अपने करियर में उन्होंने बिजली, फाइनेंस और टैक्सेशन, सूचना प्रौद्योगिकी, खनन जैसे सेक्टर में काम किया है। आरबीआई का गवर्नर बनने से पहले, संजय मल्होत्रा वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के रूप में काम कर रहे थे। इससे पहले वह वित्त मंत्रालय के अंतर्गत वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव के पद पर थे। संजय मल्होत्रा को राज्य और केंद्र सरकार दोनों स्तरों पर वित्त और टैक्सेशन का लंबा अनुभव है।
नोटों पर क्यों साइन करते हैं RBI गवर्नर?
रुपये या उससे ज़्यादा के नोटों पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के साइन होते हैं। भारतीय करेंसी नोटों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर के साइन होने से पता चलता है कि यह नोट वैलिड है। गवर्नर के साइन के साथ लिखे वचन से पता चलता है कि नोट वैलिड है। इस वचन पत्र के तहत RBI गवर्नर यह गारंटी देता है कि नोट की वैल्यू के बराबर सोना उसके पास रखा है। यानी, नोट के मूल्य के बराबर रकम का पेमेंट करने की जिम्मेदारी RBI की होती है।
जितना नोट छपता है, उतना सोना है रिजर्व
बैंकनोट पर एक लाइन लिखी होती है। जिसमें लिखा रहता है -"मैं धारक को…रुपये अदा करने का वचन देता हूं"। इसे बैंक की भाषा में प्रॉमिसरी नोट कहते हैं। यह लाइन हर भारतीय करेंसी नोट पर लिखी होती है। इस वाक्य का बहुत महत्व है। यही वाक्य नोट की कीमत की पुष्टि करता है। यह वाक्य बताता है कि जो नोट आपके पास है। उसके वास्तविक मूल्य की पुष्टि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर खुद कर रहे हैं। इसके माध्यम से गर्वनर यह गारंटी देते हैं कि रिजर्व बैंक के नोट के मूल्य के बराबर सोना रिजर्व रखा गया है। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया जितने रुपये का नोट छापता है। उतने रुपये का सोना अपने पास रिजर्व कर लेता है।