Reserve Bank April meet : जिओपॉलिटिकल अनिश्चितताओं (geopolitical uncertainties) के चलते रिजर्व बैंक (RBI) का प्रमुख नीतिगत दरों का निर्धारण करने वाला पैनल अगली बैठक में दरों को अपरिवर्तित रख सकता है। एक्सिस बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट सौगत भट्टाचार्य (Saugata Bhattacharya) यह अनुमान जाहिर करते हुए सोमवार को कहा कि पहले उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमले और कमोडिटीज की कीमतें बढ़ने से 6-8 अप्रैल के बीच होने वाली पॉलिसी मीट में सख्ती होने की बात कही थी। अब उन्हें लगता है कि RBI अपने दरों में बढ़ोतरी के फैसले को टाल सकता है।
आरबीआई के ग्रोथ और महंगाई के अनुमान पर रहेगी नजर
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में, भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) वित्त वर्ष 23 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है।
भट्टाचार्य ने कहा कि हाल की कुछ घटनाओं के कारण “ग्रोथ कुछ कमजोर और महंगाई बढ़ी है” और RBI के इन दोनों के लिए नए वित्त वर्ष के अनुमानों को जानने के लिए एनालिस्ट्स खासे उत्सुक होंगे।
वित्त वर्ष 23 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह स्टैगफ्लेशन यानी महंगाई आधारित मंदी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। इकोनॉमिस्ट ने वित्त वर्ष 23 में रियल जीडीपी ग्रोथ (real GDP growth) 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया, जो वित्त वर्ष 22 के 8.9 फीसदी के अनुमान से कम है। वहीं कंज्यूमर प्राइस इनफ्लेशन 5.4 फीसदी से बढ़कर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है।
ग्रोथ में गिरावट, महंगाई बढ़ने का है रिस्क
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रोथ में गिरावट का रिस्क है और महंगाई में बढ़ोतरी का रिस्क है, इसलिए आरबीआई (RBI) द्वारा औसत महंगाई अनुमान बढ़ाकर 5.2 फीसदी किए जाने की संभावना है, जबकि इस फरवरी के पॉलिसी रिव्यू में यह 4.5 फीसदी बताया गया था।
बता दें कि RBI ने लंबे समय से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है और ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए पिछले पॉलिसी रिव्यू में बहुप्रतीक्षित रेट हाइक को टालने का फैसला किया था। फरवरी में खुदरा महंगाई केंद्रीय बैंक द्वारा तय अपर एंड को तोड़ते हुए 6.07 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।