Early retirement in India: भारतीय युवाओं के बीच जल्दी रिटायरमेंट (Early Retirement) का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स 40 या 45 साल की उम्र तक नौकरी छोड़ना चाहते हैं। इस सोच पर ग्लोबल FIRE मूवमेंट (Financial Independence, Retire Early) का असर है। लोग चाहते हैं कि वे आगे की जिंदगी घूमने-फिरने, परिवार संग समय बिताने और शौक पूरे करने में लगाएं। आइए जानते हैं कि जल्दी रिटायरमेंट होना मुश्किल है और क्या-क्या चुनौतियां आती हैं और उनसे कैसे निपटा जा सकता है।
लगातार बढ़ रहे हैं खर्चे
पिछले कुछ साल में भारत में महंगाई थोड़ी कम हुई है, लेकिन गुजर-बसर का खर्च लगातार बढ़ रहा है। फिर चाहे वह किराया हो, शिक्षा हो या हेल्थकेयर। आज की एक आरामदायक जिंदगी 20 साल बाद लगभग दोगुनी महंगी होगी। इसके साथ ही माता-पिता की जिम्मेदारी, बच्चों की पढ़ाई और EMI जैसे बोझ रिटायरमेंट के लिए और बड़ी रकम की मांग करते हैं।
क्यों लुभाता है जल्दी रिटायरमेंट
40 साल की उम्र में रिटायरमेंट का गणित
मान लीजिए आपकी उम्र 25 साल है और आप 40 में रिटायर होना चाहते हैं। फिलहाल आपके घर का खर्च ₹1 लाख महीना है। 15 साल बाद यह ₹2-2.4 लाख महीना यानी सालाना ₹25–30 लाख हो सकता है। अगर आप 40 की उम्र में रिटायर होते हैं और 40 साल और जीते हैं, तो बिना कमाई किए इन खर्चों को पूरा करना होगा।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपको 7-8 करोड़ रुपये का कॉर्पस चाहिए होगा ताकि हर साल 4–5% सुरक्षित निकासी दर (safe withdrawal rate) से खर्च निकाला जा सके।
लेकिन इसके लिए 25 साल की उम्र से हर महीने लगभग ₹1.5-2 लाख निवेश करना होगा, वो भी 12% रिटर्न पर। यह ज्यादातर युवाओं के लिए मुश्किल है, क्योंकि EMI, किराया और पारिवारिक खर्च पहले ही भारी पड़ते हैं।
बेहतर और आसान विकल्प
जल्दी रिटायरमेंट ज्यादातर लोगों के लिए मुमकिन नहीं है। लेकिन कुछ स्मार्ट विकल्प हैं, जिनके सहारे आप काम का बोझ हल्का करके जिंदगी का भरपूर लुत्फ भी उठा सकते हैं।
1. मिनी-रिटायरमेंट: हर कुछ साल में 6-12 महीने की छुट्टी लेकर ट्रैवल करें। पढ़ाई करें या फिर जो भी आपका शौक हो, उसे पूरा करें।
2. कोस्ट FIRE: उम्र के 20वें और 30वें दशक में ज्यादा बचत करें। इसके बाद आप सिर्फ हल्की-फुल्की नौकरी से काम चला सकते हैं।
3. फ्लेक्सिबल रिटायरमेंट: 40 पर नहीं तो 50-55 पर रिटायर हों। लेकिन रेंटल, डिविडेंड या कंसल्टिंग जैसे अलग इनकम सोर्स बना लें।
4. हाइब्रिड प्लान: फालतू खर्च घटा दें। छोटे शहर शिफ्ट हो जाएं। या फिर फ्रीलांसिंग, पार्ट-टाइम काम करें। इसे बचत बड़ी करने का मौका मिलेगा।
5. करियर रीबैलेंसिंग: उम्र के 30 दशक के बाद ऐसी नौकरी चुनें जो कम तनाव दे। इसमें भले ही पैसा थोड़ा कम मिले।
6. हेल्थ-फर्स्ट रिटायरमेंट: अगर रिटायरमेंट की चाहत सिर्फ बर्नआउट की वजह से है, तो सेहत और वर्क-लाइफ बैलेंस पर ध्यान दें।
बेशक 40 की उम्र में रिटायरमेंट का ख्याल रोमांचक है, लेकिन हकीकत में इसे हासिल करना बहुत मुश्किल है। बढ़ते खर्च और लंबी जिंदगी को देखते हुए, यह सपना ज्यादातर लोगों के लिए तनाव बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। बेहतर यही है कि आप फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस, नई स्किल्स और बैलेंस्ड लाइफ पर फोकस करें। इससे आप अपनी खुशियों से समझौता किए बगैर जिंदगी का मजा ले पाएंगे।
यह भी पढ़ें : Financial Freedom: आराम की जिंदगी गुजारने के लिए कितना चाहिए पैसा... 10, 20 या 50 करोड़?
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।