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स्मॉल फाइनेंस बैंक और कमर्शियल बैंकों में क्या है अंतर? जानें कहां पैसे रखना है सुरक्षित

Small Finance Banks and Commercial Bank Difference: बैंकिंग सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा है। बैंकों के जरिए ही लोगों और कारोबारियों को लोन, जमा और अन्य तरह की बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। जब भी भारत में बैंकों की बात होती है, तो उन्हें कार्यों के आधार पर बांटा गया है। जिसमें कमर्शियल बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक अहम हैं

अपडेटेड Mar 03, 2025 पर 3:26 PM
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Small Finance Banks and Commercial Bank Difference: स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFBs) कम आय वर्ग, छोटे कारोबारियों और ग्रामीण क्षेत्रों को बैंकिंग सुविधाएं देने के लिए खोला गया है।

लंबे समय तक देश की आबादी का बड़ा हिस्सा बैंकिंग सेवाओं से दूर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार की कोशिश ज्यादातर लोगों को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाने की है। आरबीआई ने इसी सोच के साथ बैंकिंग के नए मॉडल की शुरुआत की है। बैंकों के जरिए ही लोगों और कारोबारियों को लोन, जमा और अन्य तरह की बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। जब भी भारत में बैंकों की बात होती है, तो उन्हें कार्यों के आधार पर बांटा गया है। जिसमें कमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और कॉपरेटिव बैंक को शामिल किया जाता है। आइये स्मॉल फाइनेंस बैंक और कमर्शियल बैंक के बीच के अंतर को समझते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2014 में स्मॉल फाइनेंस बैंकों को मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू की थी। ताकि पारंपरिक बैंकों से दूर लोगों को भी वित्तीय सेवाओं का फायदा मिल सके। स्मॉल फाइनेंस बैंक व्यक्तिगत ग्राहकों, छोटे कारोबारियों और कृषि क्षेत्र को किफायती दरों पर लोन देने में अहम भूमिका निभाते हैं। ये बैंक आम बैंकों की तरह बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD), और लोन जैसी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। लेकिन इनका सबसे बड़ा फोकस छोटे ग्राहकों और छोटे कारोबारियों को क्रेडिट देना होता है।

स्मॉल फाइनेंस बैंक किसे कहते हैं


स्मॉल फाइनेंस बैंक की पूंजी कम से कम 200 करोड़ रुपये होनी चाहिए। आरबीआई की शर्तों को पूरा करने पर कोई भी संस्थान, माइक्रोफाइनेंस कंपनी या NBFC (ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) स्मॉल फाइनेंस बैंक में तब्दील हो सकती है। बैंक को अपनी कम से कम 75 फीसदी लोन राशि छोटे कारोबारियों, किसानों और गरीब वर्ग को देना होता है। इन बैंकों को अपने कुल जमा का 50 फीसदी हिस्सा छोटे कर्जों (25 लाख रुपये तक) में लगाना होता है। स्मॉल फाइनेंस बैंक की स्थापना देश में वित्तीय सेवाओं के तेजी से विस्तार के लिए की गई है। जिससे ऐसे इलाकों में वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके, जहां वित्तीय सेवाएं अभी तक नहीं पहुंची हैं।

क्या होता है कमर्शियल बैंक?

कमर्शियल बैंक ऐसे बैंकों को कहते हैं, जो लोन देने, जमा स्वीकार करने की सुविधा पब्लिक, कारोबारियों और सरकार को देते हैं। इन बैंकों पर लोन आदि देने को लेकर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं होती है। ये अपने हिसाब से अपना कारोबार करने की रणनीति निर्धारित कर सकते हैं। उदाहरण - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ये सभी कमर्शियल बैंक हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक 50 लाख से अधिक के लोन नहीं दे सकते हैं, जबकि कॉमर्शियल बैंकों के साथ ऐसी कोई भी लिमिट नहीं है।

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Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Mar 03, 2025 3:18 PM

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