RBI के हालिया आंकड़े बताते हैं कि बैंकों में जमा की तुलना में लोन तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते बैंकों को इस अंतर को पाटने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों (अप्रैल-जनवरी 2023) के दौरान बैंकों ने करीब 12.53 लाख करोड़ रुपये का जमा स्वीकार किया है, जबकि इसी दौरान उन्होंने 14.50 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए हैं। जमा स्वीकार करने के अलावा बैंकों ने लोन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बाजार से पैसे भी उधार लिए हैं। यहीं कारण है जनवरी 2023 में इंक्रीमेंटल क्रेडिट-टू-डिपॉजिट राशि 116 फीसदी पर पहुंच गया था।
जब संसाधन कम होते हैं, तो मुनाफा कमाने के लिए उनका आवंटन अहम हो जाता है। बैंकों के लिए जमा किए गए राशि को लोन के तौर ऐसे सेगमेंट को देना अहम है, जहां रिटर्न अधिक हो और जोखिम भी संभालने लायक हो।
यह देखने में मदद करता है कि अर्थव्यवस्था में क्रेडिट के रूप में जमा राशि कहां जा रही रही है। बैंक खुदरा ऋणों को आक्रामक रूप से जारी रखते हैं, लेकिन उधारदाताओं ने छोटे व्यवसायों और यहां तक कि बड़ी कंपनियों को भी निवेश चक्र में तेजी लाने के लिए ऋण देना शुरू कर दिया है। महामारी के बाद बैंकों के उधार देने का तरीका बदल गया है।
बैंकों ने रिटेल लोन को आक्रामक रूप से देना जा रखा है। हालांकि इसके साथ उन्होंने छोटे बिजनेसों और यहां तक कि बड़ी कंपनियों को आकर्षक लोन ऑफर देना शुरू किया है। कोरोना महामारी के बाद से ही बैंकों के लोन देने के तरीके में बदलाव आया है।
जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि बैंको ने मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में जमा के जरिए 12.53 लाख करोड़ जुटाए हैं, लेकिन लोन में 14.50 लाख करोड़ रुपये बांटे हैं। इस अंतर को उन्होंने उधार के लिए पूरा किया है। साथ ही उन्होंने अपनी जमा राशि के एक हिस्से को सरकारी बॉन्ड्स में जमा करना जारी रखा है। यह मिश्रण आंशिक रूप से अनिवार्य है और आंशिक रूप से जोखिम-आधारित फैसला है।
जनवरी के अंत तक, बैंकिंग सेंक्टर का डिपॉजिट्स 177.19 लाख करोड़ रुपये था और लोन करीब 133.42 लाख करोड़ रुपये था। यह 75.3 फीसदी का क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो है। ऊपर दिए गए चार्ट से पता चलता है, बैकों में जमा हर 100 रुपये की राशि में से 37 रुपये निवेश में और बाकी लोन के रूप में दिए गए।
जमा राशि कहां-कहां जाती है?
आखिर में जुटाई गई जमा राशि को बैंकों ने कहां खर्च किया? प्रत्येक 100 रुपये की जमा राशि में से 14.07 रुपये एग्रीकल्चर लोन के लिए जाते हैं, जबकि केवल 10.58 रुपये इंडस्ट्री के निर्माण और कारखाने चलाने के लिए जाते हैं।
खेती-बाड़ी पर अल नीनो के संभावित खतरे को देखते हुए बैंक अपने एग्रीकल्चर लोन पोर्टफोलियो पर फिर से विचार कर रहे हैं। जबकि कंपनियों ने अधिक उधार लेना शुरू कर दिया है और इनमें अभी और बढ़ोतरी होनो बाकी है।
जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा (37 रुपये) सर्विस सेक्टर में जाता है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, ट्रेड, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, रियल एस्टेट आदि शामिल हैं।
जमा राशि का सबसे बड़ा हिस्सा, 45 रुपये, रिटेल लोन के तौर पर भारतीय परिवारों के पास वापस आ जाता है। बैंकिंग सेक्टर के कुल लोन पोर्टफोलियो में इन लोन का हिस्सा 45 प्रतिशत से थोड़ा अधिक था। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक 100 रुपये की जमा राशि में से, बैंकों ने अप्रैल-जनवरी के दौरान 45 रुपये रिटेल सेगमेंट को उधार दिए।