कई बार लोग सोचते हैं कि बैंक से लोन लेने के लिए सिर्फ उनका CIBIL स्कोर ही काफी है। हालांकि, हाई CIBIL स्कोर होना जरूरी है पर बैंक लोन देने से पहले तीन महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपात भी देखता है। ये अनुपात बैंक को आपकी कर्ज चुकाने की क्षमता और वित्तीय स्थिरता का सटीक आकलन करने में मदद करते हैं।
CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 से ऊपर स्कोर को अच्छा माना जाता है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और लोन चुकाने के व्यवहार को दर्शाता है। बैंक आमतौर पर 700-750 से ऊपर स्कोर वाले आवेदकों को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन केवल अच्छा स्कोर होने से ही लोन मंजूर नहीं होता, बैंक कई अन्य मानकों पर भी नजर रखता है।
1. डब्ल्यूटीआई (डैबिट टू इनकम) अनुपात: यह बताता है कि आपकी मासिक आय का कितना हिस्सा आपने अपनी वर्तमान ऋण अदायगी में लगाया है। ज्यादा डेबिट होने पर बैंक यह जोखिम समझता है कि आप नया लोन चुकाने में सक्षम रहेंगे या नहीं।
2. क्रेडिट उपयोग अनुपात: यह अनुपात आपकी उपलब्ध क्रेडिट लिमिट के मुकाबले आपके द्वारा उपयोग की गई राशि को दर्शाता है। इसे 30% से कम बनाए रखना बेहतर माना जाता है ताकि बैंक को विश्वास हो कि आप अपनी वित्तीय जिम्मेदारी समझते हैं।
3. ऋण-से-आय अनुपात (DTI): बैंक यह भी जांचता है कि आपकी कुल आय में से कितना हिस्सा विभिन्न ऋणों के भुगतान पर खर्च होता है। यह अनुपात 43% से कम होना चाहिए ताकि आप नया लोन लेने में सक्षम हों।
अतिरिक्त जांचें और दस्तावेज
बैंक आपकी स्थिर आय, रोजगार की स्थिति और पिछले कर्ज चुकाने के रिकॉर्ड को भी देखता है। नए लोन आवेदकों के लिए ये जानकारियां उनके क्रेडिट स्कोर के समान ही महत्वपूर्ण हैं।
तो केवल अच्छा CIBIL स्कोर ही नहीं, बल्कि इन तीन अनुपातों का संतुलित होना भी कर्ज मिलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी आय के मुताबिक कर्ज लें, समय पर ईएमआई का भुगतान करें और क्रेडिट का सही उपयोग करें। इससे न सिर्फ आपका CIBIL स्कोर बना रहेगा, बल्कि बैंक भी सुरक्षित महसूस करेगा और लोन मंजूर करने में सहज होगा।