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Income Tax Refund: भूलकर भी न करें गलत इनकम टैक्स रिफंड का दावा, चुकाना पड़ सकता है 5 गुना ज्यादा पैसा

Income Tax Refund: गलत इनकम टैक्स रिफंड का दावा काफी भारी पड़ सकता है। टैक्सपेयर्स को कुल मिलाकर रिफंड की रकम का 5 गुना तक खर्च करना पड़ सकता है। इसे AI और डेटा एनालिटिक्स की मदद से आसानी से पकड़ा भी जा सकता है। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 4:21 PM
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ITR में गलत दावा करने पर टैक्स विभाग AI और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके जांच कर सकता है।

Income Tax Refund: कई बार कुछ टैक्सपेयर्स गलत इनकम टैक्स रिफंड का दावा करते हैं। इससे हो सकता है कि उन्हें रिफंड के तौर पर कुछ रकम मिल जाए। लेकिन, इससे भारी मुश्किल में फंसने का खतरा रहता है। इसे AI और डेटा एनालिटिक्स की मदद से आसानी से पकड़ा भी जा सकता है।

टैक्स विभाग ऐसी सूरत में टैक्सपेयर से न सिर्फ रिफंड वाली रकम वसूलेगा, बल्कि ब्याज और जुर्माना भी लगेगा। कुछ खर्च 5 गुना या उससे अधिक भी हो सकता है। कानूनी झंझट का सामना करना पड़ेगा, वो अलग।

कैसे बढ़ सकता है खर्च


अब मान लीजिए आप 20% टैक्स ब्रैकेट में हैं और आपने ₹1 लाख की गलत कटौती का दावा किया। इससे आपको ₹20,000 का टैक्स बचाने में मदद मिल सकती है। लेकिन अगर यह गलत दावा पकड़ा गया, तो आप अलग-अलग खर्चों में फंस सकते हैं।

टैक्स और ब्याज के रूप में आपको ₹24,000 देना पड़ सकता है। इसके अलावा, अवैध दावों पर 200% तक का जुर्माना लग सकता है, यानी ₹40,000। फिर CA या वकील की फीस और 125% कंपाउंडिंग शुल्क मिलाकर कुल खर्च ₹30,000-₹35,000 और बढ़ सकता है। ऐसे में ₹20,000 बचाने के चक्कर में कुल खर्च ₹1 लाख तक पहुंच सकता है।

गलत दावों के कानूनी नतीजे

ITR में गलत दावा करने पर टैक्स विभाग AI और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके जांच कर सकता है। अगर दावा गलत पाया गया, तो मामले की डिटेल्ड स्क्रूटनी हो सकती है और आपको टैक्स डिमांड नोटिस मिल सकता है। सेक्शन 270A के तहत गलत रिपोर्ट की गई आय पर 200% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

इसके अलावा, सेक्शन 276C और 277 के तहत अगर टैक्स चोरी ₹25 लाख से ज्यादा है, तो छह महीने से सात साल तक जेल और जुर्माना हो सकता है। छोटे मामलों में तीन महीने से दो साल तक जेल और जुर्माना हो सकता है।

क्या करें अगर दावा गलत हो गया

  • अगर आपने अपनी ITR में कोई गलत कटौती का दावा किया है, तो आप इसे सुधार सकते हैं।
  • FY 2024-25 के लिए रिवाइज्ड ITR 31 दिसंबर, 2025 तक फाइल की जा सकती है।
  • अगर पिछले सालों में गलत कटौती की थी, तो अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं।
  • ITR-U संबंधित असेसमेंट ईयर के अंत से 4 साल के भीतर दाखिल किया जा सकता है ।

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