Bisleri: बिजनेस की दुनिया में रतन टाटा जैसे नाम कम ही होते हैं, जो अपनी लीडरशीप और नैतिकता के लिए जाने गए हैं। जब 2022 में बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने अपनी कंपनी बेचने का फैसला किया, तो माना जा रहा था कि यह डील आसानी से टाटा ग्रुप के साथ हो जाएगी। लेकिन इस कहानी में एक बड़ा मोड़ आया, जिसने सभी को चौंका दिया।
पिछले 50 सालों में रमेश चौहान ने बिसलेरी को एक बड़ा ब्रांड बनाया। आज यह भारत का सबसे बड़ा पैकेज्ड वॉटर ब्रांड है, जिसकी बाजार में 32% हिस्सेदारी है। बिसलेरी के पास 122 प्लांट्स और 4,500 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर का नेटवर्क है। लेकिन उम्र बढ़ने और एक्टिव कारोबार संभालने में कमी के कारण चौहान ने बिसलेरी को बेचने का फैसला किया। कंपनी को खरीदने के लिए कई बड़ी कंपनियां मैदान में थीं, जिसमें टाटा ग्रुप भी शामिल था। टाटा ने बिसलेरी को खरीदने के लिए 7,000 करोड़ रुपये ऑफर किये, जो एक बहुत बड़ी रकम थी।
जयन्ती चौहान का बड़ा फैसला
हालांकि, रमेश चौहान की बेटी जयन्ती चौहान ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने फैसला किया कि बिसलेरी को स्वतंत्र रखा जाएगा और खुद कंपनी का नेतृत्व करेंगी। यह फैसला न केवल उनके लिए, बल्कि बिसलेरी के भविष्य के लिए भी एक बड़ा बदलाव था।
जयन्ती के नेतृत्व में बिसलेरी ने 2022-23 में 2,300 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड तोड़ रेवेन्यू कमाया। उन्होंने कंपनी को नई दिशा दी और कई बड़े बदलाव किए। जयन्ती ने प्रोडक्ट रेंज बढ़ाई, युवा ग्राहकों से जुड़ने पर ध्यान दिया और बिसलेरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाई। उन्होंने सही नीतियों, डिजिटल तकनीक और नई सोच को अपनाया, जिससे बिसलेरी की बाजार में पकड़ और मजबूत हुई।
जयन्ती चौहान, रमेश चौहान की इकलौती बेटी हैं। दिल्ली में पली-बढ़ीं जयन्ती ने अमेरिका के Fashion Institute of Design and Merchandising (FIDM) से पढ़ाई की। शुरुआत में उनका झुकाव फैशन और डिजाइनिंग की ओर था, लेकिन समय के साथ उन्होंने बिसलेरी की जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया। जयन्ती चौहान ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल अपने पिता की विरासत को सहेजने में सक्षम हैं, बल्कि इसे और भी ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं।