Charlie Munger के निधन से दुनियाभर में इनवेस्टर्स मायूस हैं। वह खुद एक दिग्गज निवेशक थे। उनकी और वॉरेन बफे की दोस्ती मशहूर थी। Warren Buffett के साथ मिलकर उन्होंने इनवेस्टमेंट की कई थ्योरी दी थी। बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसीज पर वह भरोसा नहीं करते थे। बिटकॉइन के सबसे बड़े विरोधियों में उनका नाम शामिल था। उन्होंने Bitcoin को 'खराब और सभ्यता के हितों के खिलाफ बताया था।' इसकी वजह इसकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का अभाव है। उनकी सबसे बड़ी चिंता आपराधिक गतिविधियों में बिटकॉइन के इस्तेमाल से जुड़ी थी। वह मानते थे कि अपहरण और जबरन वसूली के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने अमेरिका में बिटकॉइन के इस्तेमाल पर रोक लगाने तक की मांग की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं ऐसी करेंसी को अच्छा नहीं मानता हूं जिसका इस्तेमाल अपहरण जैसी आर्थिक गतिविधियों में किया जा सकता है।
बिटकॉइन सभ्यता के हितों के खिलाफ
उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि आपको अपने करोड़ों डॉलर ऐसे किसी फाइनेंशियल प्रोडक्ट में लगाना चाहिए जिसका आविष्कार किसी व्यक्ति ने किया है। उन्होंने कहा था, "मेरा मानना है कि मुझे विनम्रता से यह कहना चाहिए कि यह पूरा डेवलपमेंट घृणित है और सभ्यता के हितों के खिलाफ हैं।" मंगेर ने कड़े विरोध के बावजूद बिटकॉइन की कीमतों में उछाल को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा था, "हां यह सच है, लेकिन मैं बिटकॉइन की सफलता से नफरत करता हूं।" Berkshire Hathaway के शेयरहोल्डर्स की सालाना बैठक में एक सवाल के जवाब में उन्होंन यह कहा था।
बिटकॉइन में निवेश से जुड़े जोखिम से किया था आगाह
बिटकॉइन को नापसंद करने के बावजूद मंगेर इसे सोने का आर्टिफिशियल सब्सटीट्यूट मानते थे। बिटकाइन सहित दूसरी डिजिटल करेंसी को लेकर उनके विरोध के चलते फाइनेंशियल सेक्टर में इस बारे में व्यापक बहस शुरू हुई थी। बिटकॉइन का वजूद आज भी है, लेकिन इससे जुड़े जिस जोखिम को लेकर मंगेर ने आगाह किया था, उस पर हर इनवेस्टर को समझना पड़ेगा। आज भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया में किसी तरह का रेगुलेशन नहीं है। इसमें निवेश पर बड़े नुकसान की स्थिति में कहीं शिकायत नहीं की जा सकती है।