त्योहारों के मौके पर भारत में सोना खरीदना एक आम परंपरा है, लेकिन बढ़ती कीमतों के साथ मिलावटी सोने की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में खरीददारों के लिए जरूरी है कि वे सोने की शुद्धता की जांच करें ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित हॉलमार्किंग मानक इस संदर्भ में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
BIS के हॉलमार्किंग सिस्टम के अंतर्गत सोने और चांदी की ज्वेलरी को उनकी शुद्धता के अनुसार अंकित किया जाता है, जिससे खरीदारों को विश्वास होता है कि उनका सोना शुद्ध है। 14 नवंबर 2024 तक भारत के 361 जिले हॉलमार्किंग के दायरे में आ चुके हैं, जहां खरीदी गई ज्वेलरी पर हॉलमार्क होना अनिवार्य है।
बीआईएस का आधिकारिक मोबाइल ऐप "BIS Care" खरीदारों को घर बैठे सोने की शुद्धता जांचने की सुविधा देता है। हर हॉलमार्क ज्वेलरी पर एक यूनिक हॉलमार्क आईडी (HUID) होता है, जिसे इस ऐप में डालकर शुद्धता की पुष्टि की जा सकती है। ऐसी सुविधा से खरीदार झूठे गहनों से बच सकते हैं।
इसके अलावा, उपभोक्ता BIS द्वारा मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग केंद्रों (AHC) पर जाकर ज्वेलरी की जांच करा सकते हैं। इन केंद्रों पर जांच के लिए केवल 45 रुपये प्रति नमूना शुल्क लगता है। अगर जांच में सोने की शुद्धता अंकित मान से कम पाई जाती है, तो खरीदार को मुआवजा भी दिया जाता है।
इस जांच की प्रक्रिया में खरीदार को हॉलमार्क के साथ-साथ ज्वेलरी का वजन और शुद्धता के अनुसार मुआवजे का लाभ सुनिश्चित किया जाता है, जिससे विश्वास और सुरक्षा दोनों बनी रहती हैं।
इस प्रकार, ऑनलाइन BIS Care ऐप और ऑफलाइन हॉलमार्किंग सेंटर की मदद से लोगों को केवल 45 रुपये में सोने की शुद्धता की इमानदारी से जांच का मौका मिलता है, जिससे त्योहारों में कीमती धातु की खरीदारी पूरी तरह से सुरक्षित होती है।