Citizens complaints Deadline: देश के नागरिकों की हर शिकायत का समाधान अब 60 के बजाय 21 दिनों में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सरकार ने नागरिकों की शिकायत के समाधान के लिए आवश्यक अधिकतम समय को घटाकर 21 दिन कर दिया है। कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA कार्यकाल में यह डेडलाइन 60 दिन था। 2020 में मोदी सरकार ने समय सीमा घटाकर 45 दिन और फिर 2022 में 30 दिन कर दी। सरकार को हर साल सेंट्रलसेंट पब्लिक ग्रीवेंस रिड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (CPGRAMS) पर 30 लाख से अधिक जन शिकायतें प्राप्त होती हैं।
सरकारी निर्देश में कहा गया है, "CPGRAMS में शुरू किए गए 10-चरणीय सुधारों ने औसत रेजोल्यूशन टाइम को काफी कम कर दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए, DARPG (Department of Administrative Reforms and Public Grievances) द्वारा CPGRAMS में मामलों के लिए सुझाए गए अधिकतम रेजोल्यूशन टाइम को घटाकर 21 दिन कर दिया गया है।" News18 के मुताबिक, इस साल अब तक केंद्र औसतन सिर्फ 13 दिनों में शिकायतों का निपटारा करने में सफल रहा है।
पीएम मोदी के निर्देश पर लिया गया फैसला
23 अगस्त को जारी नए आदेश में कहा गया है कि यह फैसला 29 जून को सचिवों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद लिया गया है। बयान में कहा गया है कि नया फैसला प्रधानमंत्री द्वारा मौजूदा प्रक्रियाओं को नागरिकों के लिए अधिक संवेदनशील, सुलभ और सार्थक बनाने के निर्देशों की समीक्षा के बाद किया गया है।
जुलाई 2024 में लगातार 25वें महीने केंद्रीय सचिवालय में एक लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया गया। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय सचिवालय में लंबित शिकायतों की संख्या घटकर 66,060 रह गई है। इनमें से 69 प्रतिशत शिकायतें 30 दिनों से कम समय से लंबित हैं।
- नए निर्देशों में कहा गया है कि शिकायतों का निवारण सरकार के समग्र दृष्टिकोण के तहत किया जाएगा।
- यानी किसी भी मामले में शिकायत को अधिकारी 'इस मंत्रालय/विभाग/कार्यालय से संबंधित नहीं है' या कोई और बहाना बनाकर पेंडिंग में नहीं रखा जाएगा। यदि शिकायत प्राप्त करने वाले मंत्रालय से संबंधित नहीं है, तो इसे सही अधिकारी को ट्रांसफर करने का प्रयास किया जाएगा।
- पूरा दस्तावेज उपलब्ध न होने पर कोई शिकायत बंद नहीं की जाएगी। अधिकारी शिकायत करने वाले नागरिक को कॉल कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कागजात मांग भी सकते हैं।