EPFO का बड़ा ऐलान, वीकेंड्स और हॉलिडेज कंटिन्यूअल सर्विस में काउंट होंगे, नॉमिनी का न्यूनतम पेआउट अब 50,000

EPFO के मुताबिक, पेंशन रेगुलेटर ने यह पाया है कि एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) के तहत डेथ के कई क्लेम्स इसलिए रिजेक्ट कर दिए जाते हैं या कम अमाउंट के साथ सेटल किए जाते हैं, क्योंकि सर्विस में छोटा गैप या ब्रेक होता है। इसे दूर करने के लिए उसने बड़ा फैसला लिया है

अपडेटेड Dec 18, 2025 पर 8:19 PM
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EPFO ने इस बारे में 17 दिसंबर को सर्कुलर इश्यू किया है।

एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) ने 17 दिसंबर को एक अहम सर्कुलर जारी किया। इससे ईपीएफओ मेंबर के निधन पर डिपेंडेंट्स या कानूनी उत्तराधिकारी को राहत मिल सकती है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि जॉब स्विच करने में वीकेंड्स (सप्ताहांत) या दूसरे हॉलिडेज को ब्रेक नहीं माना जाएगा।

सर्विस में छोटे गैप या ब्रेक से क्लेम रिजेक्ट हो जाते हैं

EPFO के मुताबिक, पेंशन रेगुलेटर ने यह पाया है कि एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) के तहत डेथ के कई क्लेम्स इसलिए रिजेक्ट कर दिए जाते हैं या कम अमाउंट के साथ सेटल किए जाते हैं, क्योंकि सर्विस में छोटा गैप या ब्रेक होता है। उसने यह भी पाया है कि मेंबर के डेथ से पहले सर्विस में होने के दौरान जरूरी एसेसमेंट नहीं करते हैं।


अब छोटे गैप की वजह से क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा

रेगुलेटर ने यह पाया है कि एक एंप्लॉयी ने 12 महीनों से ज्यादा सर्विस पूरा करने के बाद शुक्रवार को नौकरी छोड़ी थी। फिर उसने सोमवार को दूसरी कंपनी में नौकरी शुरू की थी। इस मामले में शनिवार और रविवार को सर्विस में ब्रेक माना गया। इस वजह से उसे EDLI के बेनेफिट्स का हकदार नहीं माना गया। ईपीएफओ ने सर्विस में इस तरह से ब्रेक से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की है।

वीकेंड्स या हॉलिडेज सर्विस ब्रेक की वजह नहीं 

ईपीएफओ के सर्कुलर में कहा गया है, " शनिवार, रविवार या पिछले या नए एस्टिब्लेशमेंट में कोई वीकली ऑफ, नेशनल हॉलिडेज, गजेटेड हॉलिडेज, स्टेट हॉलिडेज के बाद सर्विस जारी रहता है तो इसे कंटिन्यूअस सर्विस मानी जाएगी। शर्त यह है कि ईपीएफ एंड एमपी एक्ट, 1952 के तहत आने वाले एक एस्टेब्लिशमेंट से एग्जिट की तारीख और दूसरे एस्टिब्लिशमेंट में ज्वाइनिंग की तारीख सिर्फ इस तरह के ऑफ/हॉलिडेज की वजह से अलग होने चाहिए।"

EDLI स्कीम के तहत मिनिमम पेआउट 50,000 रुपये

इसके अलावा 60 दिन तक के गैप के साथ जॉब में बदलाव को कंटिन्यू्अस सर्विस माना जाएगा। ईपीएफओ ने EDLI स्कीम के तहत डिपेंडेंट और कानूनी उत्तराधिकारी के मिनिमम पेआउट बेनेफिट को भी बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। अगर मेंबर ने 12 महीने की कंटिन्यूअस सर्विस पूरी नहीं की है तो भी यह बेनेफिट मिलेगा।

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बैलेंस 50,000 से कम तो भी नॉमिनी को बेनेफिट मिलेगा

अगर मेंबर का पीएफ बैंलेंस 50,000 रुपये से कम है तो भी यह बेनेफिट मिलेगा। अगर मेंबर का निधन उसके अंतिम पीएफ कंट्रिब्यूशन के छह महीने के अंदर हो जाती है तो भी उसे मिनिमम EDLI पेआउट मिलेगा। शर्त यह है कि मेंबर निधन के समय एंप्लॉयर के रोल पर होना चाहिए।

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