Aadhaar जरूरी नहीं! क्या EPFO के नए नियमों से मृत्यु दावा होगा और भी आसान?
यह रियायत ई-ऑफिस फाइल के माध्यम से प्रभारी अधिकारी (ओआईसी) से अनुमति लेने पर ही लागू होगी इस फाइल में मृतक की सदस्यता और दावेदारों की वैधता को प्रमाणित करने के लिए उठाए गए सत्यापन प्रक्रियाओं का सावधानी से डॉक्यूमेंटेशन करना होगा
EPFO अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर उनके परिवार को अक्सर PF की राशि निकालने के लिए दावे की प्रक्रिया में परेशानी आती थी।
ईपीएफओ अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर उनके परिवार को अक्सर प्रोविडेंट फंड (PF) की राशि निकालने के लिए दावे की प्रक्रिया में परेशानी आती थी। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि मृतक के आधार डिटेल में सुधार या अपडेट ना होने की वजह से उनके दावे को खारिज कर दिया जाता था। रीजनल ऑफिस को भी अक्सर आधार संबंधी जानकारियों को ठीक करने में दिक्कतें आती थीं। लेकिन, अब ईपीएफओ के एक नए नियम से मृतक के परिवार को राहत मिली है। ईपीएफओ ने कहा है कि मृत्यु के मामलों में फिजिकल क्लेम को प्रोसेसिंग करते समय आधार सीडिंग ना होना अब स्वीकार्य हो सकता है।
हालांकि, यह रियायत ई-ऑफिस फाइल के माध्यम से प्रभारी अधिकारी (ओआईसी) से अनुमति लेने पर ही लागू होगी। इस फाइल में मृतक की सदस्यता और दावेदारों की वैधता को प्रमाणित करने के लिए उठाए गए सत्यापन प्रक्रियाओं का सावधानी से डॉक्यूमेंटेशन करना होगा। ईपीएफओ ने 17 मई 2024 के एक बयान में कहा कि यह प्रोटोकॉल जालसाजी से धन निकालने के खतरे को कम करने के लिए, प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देशित अतिरिक्त जांच उपायों के साथ लागू किया जाना है।
गाइडलाइन्स का सावधानी से पालन
ईपीएफओ उन मामलों में रियायत दे सकता है जहां सदस्य की डिटेल उनके यूनियन अकाउंट नंबर (यूएएन) कार्ड में सटीक है लेकिन आधार डेटाबेस में गलत या अधूरा है। ईपीएफओ के सर्कुलर में बताया गया कि ऐसे मामलों में जहां आधार डेटा सही है लेकिन यूएएन में गलत या अधूरा है, वहां रीजनल ऑफिस को 26 मार्च 2024 दिनांकित जॉइंट डिपार्टमेंट स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (जेडी एसओपी) संस्करण-2 के पैराग्राफ 6.9 और 6.10 में डिस्क्राइब्ड गाइडलाइन्स का सावधानी से पालन करना चाहिए। इसमें 24 सितंबर 2020 के पूर्व के सर्कुलर में उल्लिखित निर्देशों के अनुरूप यूएएन में डेटा को ठीक करना, सीडिंग करना और आधार को मान्य/प्रमाणित करना शामिल है।
रीजनल ऑफिस को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
अपने सर्कुलर में ईपीएफओ ने कहा कि रीजनल ऑफिस को मुख्य रूप से मृतक व्यक्तियों के यूआईडी की सीडिंग और ऑथेंटिकेशन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इन कठिनाइयों में शामिल हैं:
* डीएक्टिवेट आधार अकाउंट
* यूआईडीएआई डेटाबेस के माध्यम से आधार को मान्य करने में तकनीकी समस्याएं
* आधार लागू करने से पहले के मामलों के लिए आधार जानकारी की अनुपलब्धता
* आधार रिकॉर्ड में सदस्य की डिटेल में गलत या अधूरी जानकारी
ईपीएफओ ने कहा कि ऐसे मामलों में, फील्ड ऑफिसर फिजिकल क्लेम को जल्द से जल्द प्रोसेसिंग नहीं कर सके, जिससे प्रभावित परिवारों को भुगतान में देरी हुई। अब फिजिकल क्लेम को यूआईडी सीडिंग के बिना प्रोसेसिंग किए जाने से, मृतक व्यक्तियों के कई दावेदार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।