Business Idea: यह फसल किसानों को फौरन बना देगी लखपति, इम्यूनिटी बूस्टर का करती है काम

Ashwagandha Farming Business: अगर आप किसी बिजनेस आइडिया की तलाश में हैं तो आज हम आपको एक बेहतर आइडिया दे रहे हैं। जिससे मोटी कमाई कर सकते हैं। यह अश्वगंधा की खेती है। इससे किसान मोटी कमाई कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में अश्वगंधा की सबसे ज्यादा खेती होती है। अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का प्रयोग कर कई प्रकार की दवाइयां बनाई जाती हैं

अपडेटेड Sep 18, 2024 पर 6:55 AM
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Ashwagandha Farming Business: अश्वगंधा में लागत से कई गुना अधिक कमाई होने के चलते इसे कैश क्रॉप भी कहा जाता है।

आज कल खेती किसानी सिर्फ जीविका चलाने का एक जरिया भर नहीं रह गया है। बहुत से पढ़े लिखे लोग खेती की ओर रूख कर रहे हैं और बंपर कमाई कर रहे हैं। अब आज कल भारत के किसान भी परंपरागत फसलों को छोड़कर नकदी और मेडिसिनल प्लांट की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें अपनी आमदनी बढ़ाने में भी काफी मदद मिल रही है। अगर आप भी कोई बंपर कमाई वाली फसल उगाना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसी फसल के बारे में बता रहे हैं। जिसमें लागत से कई गुना मुनाफा घर बैठे कमा सकते हैं।

आज हम आपको अश्वगंधा की खेती (Ashwagandha Farming) के बारे में बता रहे हैं। अश्वगंधा की खेती से किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा कर मालामाल हो सकते हैं। भारत में अश्वगंधा की खेती हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में की जा रही है। इसकी खेती खारे पानी में भी की जा सकती है।

अश्वगंधा की कैसे करें खेती?


इसकी खेती सितंबर-अक्टूबर महीने में की जाती है। अच्छी फसल के लिए जमीन में नमी और मौसम शुष्क होना चाहिए। रबी के मौसम में अगर बारिश हो जाए तो फसल बेहतर हो जाती है। जुताई के समय ही खेत में जैविक खाद डाल दी जाती है। बुवाई के लिए 10-12 किलो बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है। 7-8 दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं। इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी और लाल मिट्टी अच्छी मानी गई है। जिस मिट्टी का पीएच मान 7.5 से 8 के बीच रहे, उसमें पैदावार अच्छी रहती है। पौधों के अच्छे विकास के लिए 20-35 डिग्री तापमान और 500 से 750 एमएम वर्षा जरूरी है। अश्वगंधा के पौधे की कटाई जनवरी से लेकर मार्च तक की जाती है।

धान-गेहूं से अधिक कमाई

सभी जड़ी बूटियों में सबसे अधिक प्रसिद्ध अश्वगंधा ही है। तनाव और चिंता को दूर करने में अश्वगंधा को सबसे फायदेमंद माना जाता है। अश्वगंधा के कई तरह के इस्तेमाल के कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का प्रयोग कर कई प्रकार की दवाइयां बनाई जाती हैं। इसकी खेती कर किसान धान, गेहूं और मक्का की खेती के मुकाबले 50 फीसदी तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

यही वजह है कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान भी बड़े पैमाने पर अश्वगंधा की खेती कर रहे हैं। अश्वगंधा की जड़ से घोड़े की तरह गंध आती है। जिस वजह से इसे अश्वगंधा कहते है। अश्वगंधा एक औषधिय फसल है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। लागत से कई गुना मुनाफा हासिल होने के चलते इसे कैश क्रॉप भी कहते हैं।

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Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Sep 18, 2024 6:55 AM

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