Business Idea: एक बार लगाएं ये घास, 5 साल तक घर बैठे करें अंधाधुंध कमाई
Business Idea Napier Grass: नेपियर घास पशुओं के लिए बेहतर चारा माना गया है। दुधारू पशुओं को खिलाने से उसमें दूध में इजाफा होता है। पशुओं के लिए यह बेहद पौष्टिक घास मानी गई है। पशुओं के सेहत के लिए भी यह फायदेमंद है। एक बार बुवाई करने के बाद इसे 5 साल तक आराम से काट सकते हैं
Business Idea: नेपियर घास की खेती से किसान मोटी कमाई कर सकते हैं।
बेहद कम पैसे निवेश करके मोटी कमाई करने का आइडिया आपके दिमाग में जरूर चल रहा होगा। अगर आप इसे साकार करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। इस बिजनेस में आप कुछ ही महीनों में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। जिस बिजनेस आइडिया (Business Idea) की हम बात कर रहे हैं वो नेपियर घास की खेती (Napier Grass Farming) का है। नेपियर घास पशुओं की सेहत के ले बेहद फायदेमंद मानी गई है। इस घास को दुधारू पशुओं को खिलाने से दूध में बढ़ोतरी होती है।
नेपियर घास को एक बार बुवाई करने के बाद आराम से 5 साल तक काट सकते हैं। नेपियर घास से CNG और कोयला (Coal) बनाने की तकनीक पर काम चल रहा है। इससे किसानों को भी कम खर्च में शानदार कमाई का मौका मिलेगा। नेपियर घास को ही हाथी घास भी कहते हैं।
डंठल से लगती है नेपियर घास
नेपियर घास की खेती किसी भी मौसम में कर सकते हैं। खेती सर्दी, गर्मी और वर्षा ऋतु में कभी भी की जा सकती है। इसलिए जब अन्य हरे चारे उपलब्ध नही होते हैं तो उस समय नेपियर का महत्व काफी बढ़ जाता है। हाथी घास यानी नेपियर घास को बोने के लिए इसके डंठल का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे नेपियर स्टिक कहा जाता है। स्टिक को खेत में डेढ़ से दो फिट की दूरी पर रोपा जाता है। वहीं एक बीघा में करीब 4000 डंठल की जरूरत होती है। इस घास के डंठल को जुलाई से अक्टूबर और फरवरी मार्च में बोया जा सकता है। वहीं इसके बीज नहीं होते हैं।
नेपियर घास से कमाई
किसान नेपियर घास लगाकर उससे मिलने वाले डंठल को बेचकर बंपर कमाई कर सकते हैं। इसकी खेती करने से पूरे साल चारे की कमी नहीं रहती है। नेपियर घास की खेती के लिए कई राज्यों में सब्सिडी में मुहैया कराई जाती है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम, उड़ीसा, आन्धप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा और मध्यप्रदेश में की जाती है।
थाईलैंड में उगने वाली घास
गन्ने की तरह दिखने वाली सुपर नेपियर घास मूल रूप से थाईलैंड में उगने वाली घास है। इसके बड़े आकार के चलते ‘हाथी घास’ के नाम से भी जाना जाता है। यह घास किसानों और पशु पालकों के लिए आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद है। इस घास में पाए जाने पोषक तत्व दुधारू पशुओं को तंदरुस्त रखते है। नेपियर घास से पशुओं का दूध उत्पादन तो बढ़ता ही है।
जानिए क्या होती है नेपियर घास
पशुपालकों को हरे चारे की सबसे ज्यादा परेशानी होती है। बरसीम, मक्का, ज्वार जैसी फसलों से तीन-चार महीनों तक ही हरा चारा मिलता है। लेकिन नेपियर घास इस समस्या को पांच से 10 साल तक के लिए खत्म कर देती है। दरअसल नेपियर घास बाजरा की हाईब्रिड वैरायटी है। जो कि न केवल बंजर जमीन बल्कि खेतों की मेड़ों पर उगाई जा सकती है।इस घास में सिर्फ पानी देना होता है। नेपियर घास की रोपाई करने का यही सही समय है। यह घास बीस से पच्चीस दिन में तैयार हो जाती है। नेपियर घास का उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 300 से 400 क्विंटल होता है। एक बार घास की कटाई करने के बाद उसकी शाखाएं फिर से फैलने लगती हैं।